इसरो का सूर्य मिशन आदित्य एल-1 शनिवार को अपने लक्ष्य लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंच जाएंगा।जहां से वह सूर्य के रहस्यों से पर्दा हटाएगा।
HIGHLIGHTS
- आज अपने गंतव्य तक पहुंचेगा आदित्य एल-1
- पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर से जानेगा सूर्य के रहस्य
- शाम 4 बजे सूर्य के लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर स्थापित होगा आदित्य
भारत अंतरिक्ष के क्षेत्र में आज एक और इतिहास रचने जा रहा है. दरअसल, इसरो का पहला सूर्य मिशन आदित्य एल-1 आज (शनिवार) अपने गंतव्य पर पहुंच जाएगा. जहां से वह सूर्य के रहस्यों को उजागर करेगा. इसरो के मुताबिक, सूर्य मिशन आदित्य एल-1 6 जनवरी की शाम चार बजे सूर्य के लैग्रेंज प्वाइंट-1 पर पहुंचकर स्थापित हो जाएगा. बता दें कि इसरो ने अपने पहले सूर्य मिशन आदित्य एल-1 को पिछले साल 2 सितंबर को लॉन्च किया था।
सूर्य के एल-1 प्वाइंट पर स्थापित होने के बाद आदित्य अगले पांच साल तक काम करेगा. इस दौरान वह सूर्य से महत्वपूर्ण आंकड़े जुटाएगा. सूर्य के लैग्रेंज प्वाइंट-1 के आसपास के क्षेत्र को हेलो ऑर्बिट कहा जाता है. यह स्थान सूर्य और पृथ्वी प्रणाली के बीच मौजूद पांच स्थानों में से एक है. इस स्थान से दोनों पिंडों (पृथ्वी और सूर्य) का गुरुत्वाकर्षण बराबर हो जाता है. जिसके चलते कोई भी वस्तु बीच में लटकी रहती है।
पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है एल-1 प्वाइंट
बता दें कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी करीब 15 करोड़ किलोमीटर दूर हैं और सूर्य का लैग्रेंज प्वाइंट-1 धरती से 15 लाख किमी दूर है. यानी आदित्य एल-1 सूर्य की दूरी का सिर्फ एक फीसदी ही तय करेगा और यहां से सूर्य के रहस्यों को जानने की कोशिश करेगा. इसरो के मुताबिक, हेलो ऑर्बिट सूर्य के चारों ओर पृथ्वी के घूमने के साथ-साथ घूमेगा।
सूर्य और पृथ्वी के बीच मौजूद है 5 लैग्रेंज प्वाइंट
बता दें कि सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैंग्रेंज प्वाइंट मौजूद है. इनमें एल-1 प्वाइंट पहला है. इसी प्वाइंट से आदित्य एल-1 सूर्य के रहस्यों से पर्दा उठाएगा. इस स्थान पर सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण बल समान हो जाता है. इसीलिए आदित्य एल-1 इस प्वाइंट पर पहुंचकर घूमने लगेगा. इसके साथ ही यहां से इसको ये उपग्रह बिना किसी छाया के लगतारा देख सकेगा. एल-1 प्वाइंट पर आदित्य के चार पेलोड सीधे सूर्य की ओर होंगे. बाकी के तीन पेलोड एल-1 पर ही क्षेत्रों का अध्ययन करेंगे।
आदित्य एल-1 में लगे हैं सात पेलोड
बता दें कि इसरो के सूर्य मिशन आदित्य एल-1 में कुल सात पेलोड लगे हुए हैं. इनमें विजिबल एमिशन लाइन कोरोनोग्राफ (VELC), सोलर अल्ट्रावॉयलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (सूइट), सोलर लो एनर्जी एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (सोलेक्सस), हाई-एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (हेल1ओएस) शामिल हैं. इन पेलोड द्वारा इसरो सीधे तौर पर सूर्य को ट्रैक करेगा. बता दें कि तीन इन-सीटू (मौके पर) मापने वाले उपकरण हैं, जिनमें आदित्य सोलर विंड पार्टिकल एक्सपेरिमेंट, प्लाज्मा एनालाइजर पैकेज फॉर आदित्य और एडवांस थ्री डाइमेंशनल हाई रिजोल्यूशन डिजिटल मैग्नेटोमीटर शामिल हैं।
इसरो करेगा थ्रस्टर्स फायरिंग
आदित्य एल-1 अपनी 15 लाख किमी की यात्रा पूरी करने के बाद अपने लक्ष्य तक पहुंच जाएगा. इस मिशन का आखिरी पड़ाव काफी महत्वपूर्ण हैं. आदित्य एल-1 के लैग्रेंज प्वाइंट-1 में स्थापित करने के लिए इसरो थ्रस्टर्स फायरिंग करेगा. जिससे सूर्य को अलग-अलग कोण से देखा जा सकेगा।