Voice Of Bihar

खबर वही जो है सही

अंधविश्वास का चक्कर : दफन मृत बच्ची को 24 घंटे बाद निकाल कर परिजन पहुंचे अस्पताल,बच्ची के जिंदा होने का किया दावा.. कहा – दीजिए ऑक्सीजन

ByKumar Aditya

जून 23, 2024
Screenshot 20240623 213134 WhatsApp scaled

भागलपुर :  नवगछिया में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक दिन पूर्व एक बच्ची की मृत्यु बीमारी के वजह से हो गई थी. जिसे परिवार वालों ने मिट्टी में दफन कर दिया था. लेकिन झाड़-फूंक करने वाली ओझा के चक्कर में आकर परिवार वालों ने मृत बच्ची को जमीन से निकाल कर नवगछिया अनुमंडल अस्पताल लाकर जमकर हंगामा किया और बच्ची के जिंदा होने की बात कही. मामला यही तक नही रुका झाड़-फूंक करने वाली महिला ने अनुमंडल अस्पताल पहुंच कर वहां भी मृत हो चुकी बच्ची का झाड़-फूंक के जरिए जिंदा करने का दावा करने लगी.

अब आपको हम पूरा मामला बताते है. नवगछिया पुलिस जिला के नवगछिया आदर्श थाना क्षेत्र के नोनिया पट्टी के रहने वाले भगवाना महतो की 10 महीने पुत्री हंसिका कुमारी का पिछले दो दिनों से नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा है. जहां उसकी तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे परिजन भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गया. जहां डॉक्टरों ने बच्ची की मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिवार वाले उसे नवगछिया लाकर मिट्टी में दफन कर दिया था. लेकिन झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी ने दावा किया की मेरे शरीर पर भगत आते है उन्होंने ही कहा है तुम्हारी बच्ची जिंदा है उसे अस्पताल ले कर चलो मैं मृत हो चुकी बच्ची को जिंदा कर दूंगी.

जिसके बाद परिवार वाले उसके झांसे में आ गए और मिट्टी में दफन बच्ची को जमीन से निकाल कर सैकडों की संख्या में ग्रामीणों के साथ अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए और वहां डॉक्टरों से कहा की बच्ची जिंदा है और इसे ऑक्सीजन दीजिए और झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हीं बच्ची का फूल और पानी से झाड़-फूंक करने लगी और जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया की बच्ची की मौत हो चुकी है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक के द्वारा नवगछिया थाना को फोन किया. जिसके बाद पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत किया गया और झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी को कस्टडी में लेकर थाने लेकर गई.

भगवाना महतो , मृत बच्ची के पिता ने कहा की बच्ची की बुखार हुआ था, जिसको इलाज के लिए नवगछिया के चंदन डॉक्टर के यहां के लेकर गए थे जहां डॉक्टर ने बच्ची को एक सुई लगाई घर आने के बाद अगले दिन बच्ची का जायदा तबियत खराब हो गया जिसके बाद उसे भागलपुर लेकर गए. तिलकामांझी चौक पहुंचते हीं बच्चे ने सांस छोड़ दिया डॉक्टर के पास लेकर गए तो डॉक्टर ने कहा की बच्ची की मौत हो गई है. वहां से वापस नवगछिया आए और बच्ची को मिट्टी में दफन कर दिए. उसके बाद झाड़-फूंक करने वालो ने कहा कि बच्ची को मिट्टी से निकाल कर लाओ हम जिंदा कर देंगे और बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराओ। बच्ची का उम्र करीब 10 महीना है.

सोनी देवी, झाड़-फूंक करने वाली महिला ने कहा की इसको किसी और ने कहा की बच्ची को जिंदा कर देंगे. गांव में हल्ला हो रहा था हम घर से बाहर निकले हमने कुछ नही किया है.

Screenshot 20240623 213146 WhatsApp scaled

कहते है डॉक्टर

डॉक्टर बी दास, उपाधीक्षक, अनुमंडल अस्पताल, नवगछिया ने कहा की नोनिया पट्टी के रहने वाले भगवाना महतो की 10 महीने पुत्री हर्षिता कुमारी का पिछले दो दिनों से नवगछिया के एक निजी क्लीनिक में इलाज चल रहा है जहां उसकी तबियत ज्यादा खराब होने के बाद उसे परिजन भागलपुर के तिलकामांझी चौक पर स्थित एक निजी अस्पताल लेकर गया जहां डॉक्टरों ने बच्ची की मृत घोषित कर दिया. जिसके बाद परिवार वाले उसे नवगछिया लाकर मिट्टी में दफन कर दिया था. लेकिन झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी ने दावा किया की मेरे शरीर पर भगत आते है. उन्होंने ही कहा है तुम्हारी बच्ची जिंदा है उसे अस्पताल ले कर चलो मैं मृत हो चुकी बच्ची को जिंदा कर दूंगी. जिसके बाद परिवार वाले उसके झांसे में आ गए और मिट्टी में दफन बच्ची को जमीन से निकाल कर सैकडों की संख्या में ग्रामीणों के साथ अनुमंडल अस्पताल पहुंच गए और वहां डॉक्टरों से कहा की बच्ची जिंदा है और इसे ऑक्सीजन दीजिए और झाड़-फूंक करने वाली महिला सोनी देवी अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में हीं बच्ची का फूल और पानी से झाड़-फूंक करने लगी और जब डॉक्टरों ने परिजनों को बताया की बच्ची की मौत हो चुकी है तो मृत बच्ची के परिजन और ग्रामीण अस्पताल में हंगामा करने लगे. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधक के द्वारा नवगछिया थाना को फोन किया. जिसके बाद पुलिस के पहुंचने के बाद मामला शांत किया गया.