अक्षय ऊर्जा स्थापित क्षमता में भारत का विश्व में चौथा स्थान, परियोजनाओं में 7 लाख करोड़ रुपये का निवेश : प्रहलाद जोशी
भारत की स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता में पिछले दस वर्षों में 165 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। केंद्रीय नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री प्रहलाद जोशी ने मंगलवार (6 अगस्त, 2024) को राज्यसभा में अपने मंत्रालय के कामकाज पर चर्चा का जवाब देते हुए बताया कि नवीकरणीय ऊर्जा (अक्षय ऊर्जा) क्षमता 2014 में 76 गीगावाट से बढ़कर 2024 में 203 गीगावाट हो गई है। उन्होंने यह भी कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता में भारत का विश्व में चौथा स्थान है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पिछले 10 सालों में नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं में लगभग सात लाख करोड़ रुपये का निवेश किया गया है।
प्रहलाद जोशी ने कल उच्च सदन में कहा कि केंद्रीय बजट 2024-25 में नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र के लिए 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का आवंटन किया गया है। उन्होंने बताया प्रधानमंत्री सूर्य घर, प्रधानमंत्री कुसुम और नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन जैसी नवीकरणीय ऊर्जा से जुड़ी योजनाओं के लिए एक लाख 60 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा कि बजट बढ़ाए जाने से नवीकरणीय ऊर्जा में रोजगार के अवसर पैदा होंगे। इससे ऊर्जा सुरक्षा की चेतना बनेगी और कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकेगा। सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा, यह पर्यावरण के हित में भी है।
बता दें कि भारत नवीकरणीय ऊर्जा स्थापित क्षमता (बड़ी हाइड्रो सहित) में विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है, पवन ऊर्जा क्षमता में चौथे स्थान पर है और सौर ऊर्जा क्षमता में पांचवें स्थान पर है (REN21 नवीकरणीय 2024 वैश्विक स्थिति रिपोर्ट के अनुसार)। देश ने COP26 में 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित ऊर्जा का एक बढ़ा हुआ लक्ष्य निर्धारित किया है। यह नवीकरणीय ऊर्जा में दुनिया की सबसे बड़ी विस्तार योजना है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.