तिलकामांझी स्थित कृषि भवन के आत्मा प्रशाल में अक्षय तृतीया, परशुराम जयंती और छत्रपति शिवाजी जयंती पर विशेष समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर स्वामी आगमानंद जी महाराज ने कहा कि जीवात्मा के कल्याण के लिए संस्कृति से जुड़ी परिचर्चा के लिए यह समारोह आयोजित किया गया है।
उन्होंने कहा कि अक्षय तृतीय के दिन से त्रेता युग आरंभ हुआ था। इस युग में भगवान राम, भगवान परशुराम सहित कई अवतार हुए। इसलिए अक्षय तृतीया के दिन दान का काफी महत्व है। उन्होंने कहा कि परशुराम सनातन धर्म की रक्षा के लिए क्रोधित रहते थे। मौके पर डॉ. लक्ष्मीश्वर झा, डॉ. आशा तिवारी ओझा, पंडित शंभूथ शास्त्रत्त्ी, डॉ. हिमांशु मोहन मिश्र दीपक, हरिशंकर ओझा, गीतकार राजकुमार, मुरारी मिश्र, डॉ. मिहिर मोहन मिश्र सुमन, कुंदन बाबा, प्रभात कुमार सिंह आदि मौजूद थे। वहीं शुक्रवार को लोगों ने भगवान परशुराम की जयंती मनायी। स्थानीय ब्राह्मण मंडल अन्नपूर्णा मंदिर में यजमान गोपाल कृष्ण वैद्य ने पूजा-अर्चना की। नरेश चंद्र मिश्रा, दिलीप शर्मा दीपू, टोनी शर्मा ने बताया कि भगवान परशुराम विष्णु के छठवें अवतार हैं।