अजय मंडल की जीत के मायने, मोदी की गारंटी और बिहार का विकास
भागलपुर में जदयू से एनडीए उम्मीदवार अजय मंडल का चुनाव जदयू के लिए प्रतिष्ठा का सवाल था। क्योंकि इस बार भागलपुर में पीएम मोदी की रैली नहीं हुई और दूसरी तरफ से कांग्रेस के राहुल गांधी की बिहार में पहली सभा भागलपुर में ही हुई। यही वजह रही कि जदयू के मुख्यमंत्री ने सभा करने के साथ-साथ यहां रोड शो भी किया। कई नेताओं को यहां उतारा। जदयू ने बिहार सरकार के काम की मार्केटिंग की। लेकिन जानकारों का यह भी मानना है कि राम मंदिर अंडर करंट रहा और मोदी की गारंटी के रूप में लोगों ने इसे स्वीकार किया।
अगर जातिगत वोट बैंक के हिसाब से देखें तो मुस्लिम और यादव महागठबंधन उम्मीदवार के साथ जरूर थे, लेकिन गठबंधन के नेताओं ने इस बार उच्च वर्ग और सहनी वोटबैंक को भी खुद के साथ जोड़ा था। इसी आधार पर जीत के दावे हो रहे थे। दूसरी ओर महत्वपूर्ण बात थी कि पिछले चुनाव में गंगोत्री समाज से ही प्रतिद्वंद्वी रहे बुलो मंडल के चुनाव नहीं लड़ने से अजय मंडल ने अपने पूरे समाज का वोट कैश किया। पिछली बार बुलो मंडल सामने थे तब भी अजय मंडल ने 2.77 लाख से जीत दर्ज की थी।
जदयू के नेताओं और स्वयं अजय मंडल ने अपने कार्यकाल में शुरू हुई तमाम बड़ी योजनाओं को खूब भुनाया। समानांतर पुल, भोलानाथ पुल ओवर ब्रिज, एनएच 80 का निर्माण, फोरलेन ग्रीन फील्ड रोड, भागलपुर होकर राजधानी एक्सप्रेस का परिचालन सहित कई ऐसी बातें हैं जिसे लोगों के सामने परोसा गया।
जहां लोग विरोध में आए वहां गमछा लगा माफी मांग ली
चुनाव प्रचार के दौरान कई जगहों पर लोगों ने अजय मंडल का स्थानीय मुद्दों को लेकर विरोध भी किया था। लेकिन अजय मंडल ने इसे बेहद सादगी के साथ हैंडल किया। उन्होंने गमछा लगाकर लोगों से माफी मांग ली और काम कराने का भरोसा दिया।
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