अदन की खाड़ी में फिर बनाया गया जहाज को निशाना, ड्रोन हमले के बाद लगी आग, सभी क्रू मेंबर्स सुरक्षित
अदन की खाड़ी में एक बार फिर व्यापारिक जहाज को निशाना बनाया गया। हालांकि आईएनएस विशाखापट्टनम ने सभी क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचा लिया।
HIGHLIGHTS
- अदन की खाड़ी में जहाज पर ड्रोन हमला
- आईएनएस विशाखापट्टनम ने की मदद
- सभी क्रू मेंबर्स को निकाला गया सुरक्षित
अरब सागर में व्यापारिक जहारों पर ड्रोन हमले की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही. अदन की खाड़ी में एक बार फिर से एक मर्चेंट शिप को निशाना बनाया गया है. ड्रोन हमले के बाद जहाज पर आग लग गई. लेकिन भारतीय नौसेना ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आग पर काबू पा लिया और जहाज पर सवार सभी क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया. जिस जहाज पर ड्रोन हमला हुआ उसपर मार्शन आईलैंड का झंडा लगा हुआ था. भारतीय नौसेना के मुताबिक, ये हमला बुधवार रात करीब 11.11 बजे किया गया. जहाज पर कुल 22 क्रू मेंबर्स सवार थे, जिसमें 9 भारतीय भी शामिल हैं. इस हमले में किसी क्रू मेंबर को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है,
INS विशाखापट्टनम ने की मदद
मर्चेंट शिप पर ड्रोन हमले की खबर मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने वॉरशिप आईएनएस विशाखापट्टनम को तुरंत मदद के लिए भेजा. उसके बाद जहाज पर लगी आग पर काबू पाया गया और सभी क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचा लिया. बता दें कि हाल के दिनों में समुद्री जहाजों पर हूती विद्रोहियों और समुद्री लुटेरों के हमले का असर भारत पर भी पड़ रहा है।
क्योंकि इन दोनों गुटों ने भारत के भी कई जहाजों को अपना निशाना बनाया है. भारतीय नौसेना ने एक बयान में कहा कि आईएनएस विशाखापत्तनम अदन की खाड़ी में समुद्री डकैती रोधी गश्त कर रहा था, तभी उसे बुधवार रात 11:11 बजे ड्रोन हमले के बाद मार्शल द्वीप के ध्वज वाले एमवी गेनको पिकार्डी जहाज के एक इमरजेंसी कॉल प्राप्त हुई. उसके बाद तुरंत कार्रवाई करते हुए जहाज की मदद की गई।
कुछ महीनों से बड़े हैं हूती विद्रोहियों के हमले
बता दें कि पिछले कुछ महीनों में ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों के हमले लगातार बढ़े हैं. जिसके चलते अमेरिका-ब्रिटेन सहित कई देशों ने मिलकर यमन में हूती विद्रोहियों के ठिकानों एयर स्ट्राइक की है. इसके साथ ही भारत ने इन दोनों जगहों पर अपने युद्धपोत तैनात किए हैं. गौरतलब है कि 4 जनवरी को सोमालिया के समुद्री लुटेरों ने अरब सागर में लीला नोफोर्क जहाज को हाइजैक कर लिया था. इस जहाज पर लाइबेरिया का फ्लैग लगा हुआ था. जहाज ने ब्रिटेन के मैरीटाइम ट्रेड ऑपरेशन्स पोर्टल पर एक मैसेज भेजा था।
इसमें कहा गया था कि 4 जनवरी की शाम हथियारबंद 5-6 समुद्री लुटेरे जहाज पर उतरे और उन्होंने जहाज को हाईजैक करने की कोशिश की. जहाज के हाईजैक करने की खबर मिलने के बाद भारतीय नौसेना ने वॉरशिप INS चेन्नई और मैरीटाइम पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P81 को रवाना किया. इसके बाद इसमें सवार सभी 15 भारतीयों समेत कुल 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित बचाया गया. वहीं उससे पहले 23 दिसंबर को हिंद महासागर में भारत आ रहे मालवाहक जहाज केम प्लूटो पर भी हमला किया गया था।
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