भाजपा के आधिकारिक प्रवक्ता अपनी ही सरकार के फैसले से नाराज हैं. एक दौर में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खास रहे नेता ने पिछले वर्ष ही जदयू का दामन छोड़कर भाजपा का कमल थामा था. लेकिन अब उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार के फैसले पर गंभीर सवाल उठा दिया है.
भाजपा प्रवक्ता डॉ अजय आलोक ने केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल उठाया है. उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के माध्यम से वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण से स्वास्थ बीमा पर लगने वाले 18 प्रतिशत टैक्स को लेकर अपनी नाराजगी जताई है. साथ ही पीएम मोदी को भी उन्होंने टैग करते हुए कहा है कि फैसले पे तुरंत विचार करिए.
क्यों नाराज हैं अजय अलोक
दरअसल, अजय अलोक ने कहा है ‘मैं माननीय श्रीमती निर्मला सीतारमण जी से अनुरोध करना चाहता हूँ माध्यम वर्गीय आय वालो के लिए 1.हम पूरा टैक्स समय पे देते हैं। देते क्या तनख़्वाह से काट ली जाती हैं । 2. हमे किसी सरकारी योजना का कभी लाभ नहीं मिलता । 3. स्वास्थ बीमा पे भी 18% GST हमारे लिए और बाकी सबके लिए आयुष्मान !!! हम देश को आगे बढ़ाने वाले लोग हैं सरकार पे निर्भर नहीं । फैसले पे तुरंत विचार करिए.’
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह ही जीएसटी परिषद की हुई बैठक में स्वास्थ बीमा पर लगने वाले टैक्स पर छूट मिलने की उम्मीद जताई गई थी. लेकिन परिषद की बैठक में ऐसा कोई निर्णय नहीं हुआ. अब इस पर अजय अलोक ने खुलकर अपनी नाराजगी जताई है. साथ ही केंद्र की महत्वकांक्षी योजना आयुष्मान कार्ड को लेकर भी उन्होंने सवाल किया है कि एक ओर मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान तो दूसरी ओर स्वास्थ बीमा पे भी 18% GST.
कौन हैं भाजपा प्रवक्ता डॉ अजय अलोक
बिहार मूल के अजय अलोक पेशे से एक डॉक्टर भी हैं. उनके पिता डॉक्टर गोपाल सिन्हा भी बिहार के विख्यात डॉक्टर हैं. अजय अलोक पहले जनता दल यूनाइटेड में थे लेकिन जून 2022 में पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने का आरोप लगाते हुए उन्हें जदयू से निकाल दिया गया था. जदयू में भी वे प्रवक्ता के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रहे थे. वहीं जदयू से निकाले जाने के बाद अजय आलोक अप्रैल 2023 में भाजपा में शामिल हो गए थे. जब नीतीश कुमार और प्रशांत किशोर के रिश्ते अच्छे थे जब जदयू में रहते हुए भी उन्होंने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के खिलाफ बयान दे दिया था. बाद में उन्हें आर सी पी सिंह का करीबी समझा जाने लगा. वहीं अंततः उनकी जदयू से विदाई हो गई. अब भाजपा में रहते हुए उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के फैसले पर सवाल उठाया है.