अब इंसानों को भी होने लगा बर्ड फ्लू
कुछ महीनों पहले की बात है अमेरिका में पशुओं में बर्ड फ्लू यानी H5N1 वायरस फैलने लगा था. हजारों गायों में इस वायरस की पुष्टि हुई थी. इसके बाद डेनमार्क और कनाडा में भी जानवरों में ये वायरस मिला था. करीब 26 प्रजातियों में इसकी पुष्टि हुई थी. यह एक चिंता वाली बात थी क्योंकि बर्ड फ्लू का संक्रमण आमतौर पर पक्षियों में ही देखा जाता था. लेकिन उस दौरान लाखों की संख्या में जानवरों में भी यह वायरस मिला रहा था और यह सिलसिला अभी तक जारी है. लेकिन अब बर्ड फ्लू एक बड़ा खतरा बड़ा बनता नजर आ रहा है. इसके दो कारण हैं.
पहला ये कि कुछ दिनों पहले मैक्सिको में एक व्यक्ति की मौत इस वायरस से हुई थी. यह बर्ड फ्लू से इंसान की डेथ का पहला मामला था. इस मौत के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनियाभर में बर्ड फ्लू को लेकर अलर्ट जारी किया था. कुछ दिन ही बीते हैं और अब भारत में भी एक बच्चे में इस वायरस की पुष्टि हुई है. पश्चिम बंगाल में 4 साल के बच्चे में H5N1 वायरस मिला है. इतनी घनी आबादी वाले देश में बर्ड फ्लू का इंसानी संक्रमण चिंता बढ़ाने वाला है.
ऐसा इसलिए क्योंकि इंसानों में यह वायरस आसानी से नहीं होता है. इस वायरस के इंसानों में संक्रमण के दुनियाभर में गिनती के ही मामले हैं.भारत में केवल दो ही ऐसे केस आए हैं. एक मामले 2019 में आया था और एक अब आया है. दुनियाभर में जिस हिसाब से बर्ड फ्लू के मामले जानवरों में बढ़ रहे हैं और अब इंसान भी संक्रमित हो रहे हैं. उससे नई महामारी का खतरा मंडरा रहा है.
कहां से आया था बर्ड फ्लू
बर्ड फ्लू का पहला मामला 1996 में चीन के गुआंगडोंग में मुर्गी पालन केंद्र में मौजूद मुर्गियों में पाया गया था. 1997 में इस वायरस से इंसान की मौत हुई थी. साल 2020 में इस वायरस के कई म्यूटेशन देखने को मिले थे और साल 2022 तक यह जंगली पक्षियों में देखा गया था. इस दौरान अमेरिका में भी इस वायरस के केस बढ़ रहे थे. लेकिन बीते एक साल में एच5एन1 वायरस के लाखों मामले सामने आ रहे हैं. बड़ी संख्या में पक्षी और जानवर इससे संक्रमित हो रहे हैं. लेकिन इंसानों में संक्रमण ने चिंता काफी बढ़ा दी है. एक्सपर्ट्स ने इसको लेकर अलर्ट किया है.
इंसानों में कैसे फैलता है बर्ड फ्लू
राजस्थान पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय में डॉ एनआर रावत बताते हैं कि पोल्ट्री फॉर्म में काम करने वाले लोगों में इस वायरस से संक्रमित होने का रिस्क सबसे ज्यादा होता है. वायरस से संक्रमित पक्षी के मल या मूत्र के संपर्क में आने से वायरस इंसानों में फैल सकता है. हालांकि इस वायरस का ट्रांसमिशन एक से दूसरे इंसान में मुश्किल से होता है, लेकिन जिस हिसाब से केस आए हैं उसको लेकर अलर्ट रहने की जरूरत है. ऐसा इसलिए क्योंकि बर्ड फ्लू में म़ृत्युदर किसी दूसरे वायरस की तुलना में अधिक है. इसमें डेथ रेट कोविड से ज्यादा है. इस वायरस से इंसानों के बचाव के लिए कोई निर्धारित इलाज भी नहीं है. ऐसे में यह काफी खतरनाक बन जाता है.
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