अब देशभर के गांव होंगे स्मार्ट, पर्यटन मंत्रालय ने बनाया प्लान
जैसे ही गांव का नाम आता है तो जहन में एक दम गरीबी व असुविधाओं का अंबार लग जाता है। लेकिन क्या आपको पता है अब सरकार देश के गांवों को भी स्मार्ट बनाने की तैयारी कर रही है।
मुख्य तथ्य
- गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए 30 फीसदी से ज्यादा सब्सिडी देगी सरकार
- हर गांव में मिलेगी शहर वाली सभी सुविधाएं
- गांव-गांव बनाए जाएंगे होम स्टे के साधन, किया जाएगा कुछ गांवों का चुनाव
जैसे ही गांव का नाम आता है तो जहन में एक दम गरीबी व असुविधाओं का अंबार लग जाता है. लेकिन क्या आपको पता है अब सरकार देश के गांवों को भी स्मार्ट बनाने की तैयारी कर रही है. इसका जिम्मेदारी पर्यटन विभाग को सौंपी गई है. आपको बता दें कि गांवों को स्मार्ट बनाने के लिए कवायद पिछले बार ही शुरू की गई थी. लेकिन किन्हीं कारणों के चलते प्रोजेक्ट बीच में ही लटक गया था. अब बताया जा रहा है कि इसे अमल में लाया जाएगा. जिसके बाद गांव में भी शहर वाली सभी सुविधाएं मिलेंगी. खासकर गांवों में होम स्टे बनाने की ओर एक कदम है. क्योंकि सरकार इन दिनों ग्रामीण पर्यटन पर भी फोकस कर रही है।
दूर-दराज के गांवों में मिलेगी सुविधा
दरअसल, जब हम एक शहर से दूसरे शहर में जाते हैं तो रुकने के लिए होटल की व्यवस्था होती है. लेकिन गांवों में ये सुविधा नहीं है. अब पर्यटन विभाग इसी को लेकर योजना बना रहा है. ताकि शहरों की तरह गांवों में भी लोग रुकने लगें. यही नहीं होम स्टे के अलावा भी गांव में विभिन्न सुविधाएं मिलेंगी . हालांकि आपको बता दें कि शहरों के पास वाले गांव अभी भी काफी स्मार्ट है. लेकिन अब दूर-दराज के गांवों को स्मार्ट करने की तैयारी है. इससे गांवों में रोजगार के अवसर भी विकसित होंगे. क्योंकि होम स्टे में कम से कम कुछ लोगों को तो रोजगार मिलेगा ही।
इन नियम व शर्तों को करना होगा फोकस
आपको बता दें कि होम स्टे बनाने के लिए लोकल अथॉरिटी से इजाजत लेना अनिवार्य होगा. जब अनुमति मिल जाएगी, उसके बाद ही प्रोजेक्ट को केंद्र और राज्य सरकार के एमएसएमई में भेजा जाएगा. जिसके बाद आपको होम स्टे बनाने के लिए सुविधाएं और आर्थिक मदद भी मिलेगी. NSPRH के मुताबिक सरकार को इस स्कीम के लिए 30 परसेंट सब्सिडी देने का प्रावधान किया गया था।
1 लाख तक खर्च रखने का प्रावधान
आपको बता दें कि होमस्टे बनाने का अधिकतम खर्च 1 लाख रुपये तक रखने का प्रस्ताव बनाया गया था. जिस पर 30 फीसदी सब्सिडी दी जा सकती है. यानी गांव में होमस्टे बनाने वाले व्यक्ति या कंपनी को 70 हजार खुद से खर्च करना होगा. बाकी का 30 हजार सरकार देगी. इससे कम भी खर्च होता है, तो उसका 30 परसेंट सब्सिडी के रूप में मिलेगा. होमस्टे में अधिक से अधिक 6 कमरे बनाए जा सकते हैं. ये जरूरी नहीं कि होमस्टे के लिए पूरा निर्माण नया हो. पहले से बने भवन में भी सुविधाएं बढ़ाकर होमस्टे में तब्दील किया जा सकता है।
Discover more from Voice Of Bihar
Subscribe to get the latest posts sent to your email.