अब भागलपुर के मायागंज अस्पताल में हो पाएगी कैंसर की जांच
भागलपुर : मधेपुरा निवासी 53 वर्षीय सुरेश प्रसाद का ऑपरेशन छह मई को जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (मायागंज अस्पताल) में हुआ। ऑपरेशन के बाद निकले टिश्यू का बॉयोप्सी जांच के लिए जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भेजा गया, जहां परिजन न जाकर एक निजी जांच घर में जाकर एक हजार रुपये खर्च करने पड़े। सन्हौला की 37 वर्षीय किरन देवी को स्त्रत्त्ी संबंधी समस्या थी। दस मई को ओपीडी में उन्होंने दिखाया तो डॉक्टर ने कैंसर होने की आशंका जाहिर करते हुए एफएनएसी जांच कराने की सलाह दी। अस्पताल से दो किमी दूर मेडिकल कॉलेज गई तो पता चला कि अब उन्हें जांच के लिए अगले दिन आना होगा। भागलपुर समेत पूर्वी बिहार, कोसी-सीमांचल के 13 जिलों के एक दर्जन मरीज हर रोज मायागंज अस्पताल में इलाज के लिए आते हैं। बॉयोप्सी व कैंसर जांच के लिए मेडिकल कॉलेज जाना पड़ रहा है।
मायागंज अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि अस्पताल में होने वाले सर्जरी के मरीजों की बॉयोप्सी जांच अनिवार्य कर दी गयी है। अन्य प्रकार के कैंसर के मरीजों के टिश्यू जांच (एफएनएसी) जांच की सुविधा अब अस्पताल में ही कराई जाएगी। ताकि मरीजों को इस जांच के लिए मेडिकल कॉलेज न जाना पड़े।
क्लीनिकल पैथोलॉजी में वार्ड तैयार, डॉक्टर-स्टाफ तैनात
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पैथोलॉजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि मायागंज अस्पताल के क्लीनिकल पैथोलॉजी के रूम नंबर 13 में बॉयोप्सी एवं एफएनएसी (फाइन निडिल एस्पिरेशन साइटोलॉजी) जांच के लिए सैंपल लेने की व्यवस्था कर दी गयी है। दो और डॉक्टर व एक-एक नर्स व स्टाफ की तैनाती कर दी गई है। एक-दो दिन के अंदर ओपीडी से इंडोर तक के मरीजों की बॉयोप्सी व एफएनएसी जांच के लिए सैंपल लेने की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी।
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