WhatsApp
Home Local YouTube Instagram
images 2024 05 29T094806.498

बिहार के मेडिकल कॉलेजों में विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में मेडिकल की पढ़ाई को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पहल शुरू कर दी है। वर्तमान में मध्यप्रदेश राज्य सरकार की ओर से वहां मेडिकल की पढ़ाई हिंदी में करायी जा रही है।

बिहार में भी हिंदी में मेडिकल की पढ़ाई आरंभ करने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने तीन सदस्यीय टीम का गठन कर दिया है। इस टीम में राज्य स्वास्थ्य समिति के मानव संसाधन प्रभारी राजेश कुमार, बिहार स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय के एकेडमिक डीन डॉ. मिथिलेश प्रताप और पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल के क्लिनिकल पैथोलॉजी विभागाध्यक्ष डॉ. देवेंद्र प्रसाद शामिल है।

विभाग ने टीम को निर्देश दिया है कि वह पांच जून तक अपनी रिपोर्ट विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत को सौंप दे। स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव प्रत्यय अमृत ने टीम का गठन किया है। टीम की अधिसूचना मंगलवार को जारी की गई। इस टीम को जिम्मेवारी सौंपी गयी है कि वह मध्यप्रदेश जाकर वहां पर हिंदी माध्यम से कराये जा रहे मेडिकल के तमाम शैक्षणिक कार्यों का अध्ययन करे।

साथ ही वहां पर किस प्रकार से हिंदी में एमबीबीएस सहित अन्य उच्चतर पाठ्यक्रमों को तैयार किया गया है, इसे देखे। वहां का सिलेबस क्या है। कैसे शिक्षकों द्वारा विद्यार्थियों को अपनी मातृभाषा में स्वस्थ्य विज्ञान जैसे जटिल विषय को पढ़ाया जा रहा है। टीम को निर्देश दिया गया है कि बिहार में हिंदी में मेडिकल कोर्स को कैसे तैयार किया जाए, इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार करे। पाठ्यक्रम की रूपरेखा क्या होगी। कैसे इसे अमल में लाया जायेगा।

टीम भोपाल में दो दिनों तक इसका अध्ययन करेगी। साथ ही उसको यह जिम्मेदारी दी गयी है कि लोकसभा चुनाव के पहले तक रिपोर्ट सौंप दे। चुनाव परिणाम आने के बाद विभाग इस दिशा में त्वरित गति से कार्रवाई करेगा।

WhatsApp Channel VOB का चैनल JOIN करें