नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई (NPCI) के हालिया आदेश के बाद ऑनलाइन मोड ने एक बैंक से दूसरे बैंक में मनी ट्रांसफर को और भी ज्यादा आसान बना दिया है।
फरवरी माह की पहली तारीख से आप बगैर IFSC कोड के इस्तेमाल के मनी ट्रांसफर कर पाएंगे. दरअसल नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानी एनपीसीआई (NPCI) के हालिया आदेश के बाद ऑनलाइन मोड ने एक बैंक से दूसरे बैंक में मनी ट्रांसफर को और भी ज्यादा आसान बना दिया है. अब बस आप रिसीवर का मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट नाम जोड़कर IMPS यानि इमीडिएट पेमेंट सर्विस के जरिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं. अब न तो इसमें बेनिफिशियरी जोड़ने की जरूरत होगी, न ही IFSC कोड के इस्तेमाल की…
गौरतलब है कि, एनपीसीआई ने बीते साल 2023 में 31 अक्टूबर को एक सर्कुलर जारी किया गया था, जिसमें सभी सदस्यों से ये आग्रह किया गया था कि, आगामी 31 जनवरी 2024 तक सभी आईएमपीएस चैनलों पर मोबाइल नंबर + बैंक नाम के माध्यम से फंड ट्रांसफर शुरू करने और स्वीकार करने को कम्प्लाइ किया जाए. इसके साथ ही सर्कुलर में स्पष्ट किया गया था कि, सदस्य मोबाइल बैंकिंग और इंटरनेट बैंकिंग चैनलों पर पेई/बेनिफिशियरी के तौर पर सफलतापूर्वक मान्य मोबाइल नंबर और बैंक नाम कॉम्बिनेशन जोड़ने का ऑप्शन भी दिया जाए।
क्या होता है IMPS?
दरअसल आईएमपीएस का मतलब होता है- इमीडिएट पेमेंट सर्विस (Immediate Payment Service). ये एक पेमेंट सर्विस एप है, जो इंस्टैंट पेमेंट की सुविधा मुहैया कराता है. इसकी मदद से आप आसानी और बहुत कम समय में मनी ट्रांसफर कर सकते हैं. मालूम हो कि, यह मनी ट्रांसफर के सबसे अधिक उपयोग किए जाने वाले तरीकों में से एक है।
बता दें कि, ये एक महत्वपूर्ण पेमेंट सिस्टम है जो 24×7 इंस्टैंट डोमेस्टिक फंड ट्रांसफर सुविधा देती है. साथ ही इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग ऐप, बैंक ब्रांच, एटीएम, एसएमएस और आईवीआरएस जैसे अलग-अलग चैनलों के जरिए भी एक्सेसिबल है. मालूम हो कि, फिलहाल IMPS P2A (अकाउंट + IFSC) या P2P (मोबाइल नंबर + MMID) ट्रांसफर मोड के माध्यम से लेनदेन प्रोसेस करता है।