केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति ने विभिन्न राज्यों के लिए कई आपदा शमन और क्षमता निर्माण परियोजनाओं को मंजूरी दे दी है। आज गुरुवार को नई दिल्ली में हुई बैठक में समिति ने तेलंगाना, गुजरात, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के 6 महानगरों- मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, हैदराबाद, अहमदाबाद और पुणे में शहरी बाढ़ प्रबंधन के लिए 2514.36 करोड़ रुपये की कुल लागत वाली 6 परियोजनाओं को मंजूरी दी।
उच्चस्तरीय समिति ने असम, कर्नाटक और तमिलनाडु के लिए “राज्यों में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण” योजना के तहत 810.64 करोड़ रुपये के कुल खर्च वाले तीन परियोजना प्रस्तावों को भी मंजूरी दी। केन्द्र सरकार ने इस योजना के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत कुल 5000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं और 11 राज्यों के 1691.43 करोड़ रुपये के खर्च वाले प्रस्तावों को पहले ही मंजूरी दे दी थी।
इसके साथ, उच्चस्तरीय समिति ने हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, सिक्किम और अरुणाचल प्रदेश राज्यों के लिए 150 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय पर जोखिम शमन के लिए एक परियोजना प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। जोखिम शमन परियोजना इन चार राज्यों को जोखिमों से निपटने के लिए आवश्यक शमन उपाय करने में आवश्यक प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
उच्चस्तरीय समिति ने युवा आपदा मित्र योजना को दी मंजूरी
उच्चस्तरीय समिति ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से 470.50 करोड़ रुपये की लागत से युवा आपदा मित्र योजना के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी, जिसे देश के 315 सबसे अधिक आपदा-संभावित जिलों में मास्टर ट्रेनर के रूप में 1300 प्रशिक्षित आपदा मित्र वॉलंटियर्स और विशेष रूप से एनसीसी, एनएसएस, एनवाईकेएस और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स से लिए गए 2.37 लाख वॉलंटियर्स को आपदा तैयारी और प्रतिक्रिया में प्रशिक्षित करने के लिए लागू किया जाएगा।
केन्द्र सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत 14 राज्यों को 6348 करोड़ रुपये और राज्य आपदा न्यूनीकरण कोष के तहत 6 राज्यों को 672 करोड़ रुपये जारी किए हैं। इसके अलावा, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष के तहत 10 राज्यों को 4265 करोड़ रुपये की राशि जारी की जा चुकी है।
बैठक में वित्त मंत्री, कृषि मंत्री और नीति आयोग के उपाध्यक्ष सदस्य के रूप में शामिल हुए। समिति ने 6 शहरों में शहरी बाढ़ से निपटने, 4 पहाड़ी राज्यों में ग्लेशियल लेक आउटबर्स्ट बाढ़ को कम करने और 3 राज्यों में अग्निशमन सेवाओं को मजबूत करने के लिए राष्ट्रीय आपदा शमन कोष और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से फंडिंग के कुल 9 प्रस्तावों पर विचार किया। समिति ने सभी 28 राज्यों में युवा आपदा मित्र योजना को लागू करने के प्रस्ताव पर भी विचार किया।