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अमेरिका में जन्मा एक शख्स महाकुंभ में कैसे बन गया महान बाबा, बताई अपनी पूरी कहानी

आजकल प्रयागराज संगम का नजारा कुछ और ही है। हिंदुओं के सबसे बड़ा पर्व महाकुंभ 13 जनवरी से यहां शुरू होने जा रहा है। अब वो दिन दूर नहीं, जब संगम तट पर बड़े-बड़े तंबू, नागा साधुओं का रेला और जटाएं लहराते हुए डुबकी लगाते संत देखने को मिलेंगे। यहां आने साधु-संतों की अध्यात्म से भरी जीवनशैली आम जनता के लिए हमेशा से आकर्षण का केंद्र रही है। इस बीच महाकुंभ में एक ऐसे साधु आकर्षण का केंद्र बने हैं जिनका जन्म संयुक्त राज्य अमेरिका के न्यू मैक्सिको में हुआ लेकिन भारत के सनातन धर्म ने उन्हें अपनी ओर खींच लिया।

हम बात कर रहे हैं न्यू मैक्सिको के एक आध्यात्मिक साधक मोक्ष पुरी बाबा की, जो प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ मेले में एक प्रमुख व्यक्ति बन गए हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में जन्मे मोक्ष पुरी बाबा जूना अखाड़े से निकटता से जुड़े हुए हैं और उन्होंने अपना जीवन सनातन धर्म के अभ्यास और प्रचार के लिए समर्पित कर दिया है।

सुनिए मोक्ष पुरी बाबा की कहानी, उनकी जुबानी

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए, मोक्ष पुरी बाबा ने अपनी अनूठी यात्रा के बारे में जानकारी शेयर करते हुए कहा, “मेरे पहले के जीवन में, मैंने कई चीजें कीं जिनमें सेना में काम करना, मछली पकड़ने वाला खेल शामिल था। उन्होंने बताया, पिछले जीवन के अनुभवों से मेरी केयर खत्म हो गई है और मुझे सनातन धर्म व बौद्ध धर्म के बारे में कुछ चीजें जल्दी सिखाई गईं थीं।”

जब हवाई द्वीप पर पत्नी से हुई मुलाकात

उन्होंने यह भी बताया कि कैसे हवाई द्वीप पर अपनी पत्नी से मिलने पर उनके जीवन में एक परिवर्तनकारी मोड़ आया। उन्होंने कहा, “मैं अपनी पत्नी से हवाई द्वीप पर मिला था और वहीं हमारा एक आपसी संबंध था, सनातन धर्म के साथ एक गहरा संबंध था, जो अंततः हमें 25 साल पहले प्रयागराज लाया था।”

भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के साथ गहरा संबंध

मोक्ष पुरी बाबा का भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता के साथ गहरा संबंध है जिसने उन्हें अपनी पश्चिमी जीवनशैली को पीछे छोड़कर सनातन धर्म की पारंपरिक प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया। कुंभ मेले में वह ध्यान, योग और भारतीय दर्शन की गहन शिक्षाओं को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से लगे हुए हैं। उनकी सरल जीवनशैली और आध्यात्मिक ज्ञान ने हजारों भक्तों और आगंतुकों का ध्यान आकर्षित किया है, जिससे वह क्रॉस-सांस्कृतिक सद्भाव के प्रतीक बन गए हैं।

एक साधु के रूप में अपने भविष्य के सवाल पर क्या बोले बाबा?

साधु ने खुलासा किया कि वह न्यू मैक्सिको के ट्रुथ ऑर कॉन्सिक्वेंसेस में एक आश्रम खोलेंगे, जिससे उनका संदेश विश्व स्तर पर फैलेगा। जब उनसे एक साधु के रूप में उनके भविष्य के बारे में पूछा गया तो मोक्ष पुरी बाबा ने पुष्टि की, “जब तक मैं जीवित हूं, मैं करूंगा, यह मेरा जीवन है। मेरा लक्ष्य मोक्ष पुरी बनना है।”

कुंभ मेले में मोक्ष पुरी बाबा की उपस्थिति भारत की आध्यात्मिक विरासत की सार्वभौमिक अपील को उजागर करती है, जो दुनिया भर के लोगों के साथ प्रतिध्वनित होती है। यह त्योहार में भाग लेने वाले लाखों लोगों के बीच जिज्ञासा और प्रशंसा को बढ़ावा देती है।


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