भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेट्टी ने आज शुक्रवार को भारत-अमेरिका संबंधों को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी और सबसे पुरानी लोकतंत्र साथ साथ आगे बढ़ रहीं हैं। कोलकाता में आयोजित एक शिक्षा सम्मेलन में बोलते हुए गार्सेट्टी ने भारत-अमेरिका संबंधों को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “यह एक सामान्य संबंध नहीं है। यह भारत और अमेरिका के मिलकर काम करने का गुणात्मक संबंध है।”
गार्सेट्टी ने कहा कि अपने 16-17 महीनों के कार्यकाल में उन्होंने 23 राज्यों और संघ शासित प्रदेशों का दौरा किया और एक ऐसा दृष्टिकोण प्राप्त किया है जिसमें भारत की बढ़ती वैश्विक स्थिति और विकसित देशों में उसकी सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था की झलक मिलती है। उन्होंने कहा कि भारत पिछले दो वर्षों से अमेरिकी विश्वविद्यालय और कॉलेज उच्च शिक्षा के छात्रों का सबसे बड़ा ठिकाना है।
गार्सेट्टी ने भारत की 2023 में जी20 सम्मेलन की मेजबानी की सराहना की और कहा कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन, महिला सशक्तिकरण, वित्तीय संस्थागत सुधार, सुरक्षा और शांति और अहिंसा के सिद्धांतों पर मिलकर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका के पास सशस्त्र बलों और सुरक्षा के क्षेत्र में करीबी संबंध हैं और वे नियमित रूप से संयुक्त सैन्य अभ्यास करते हैं। इसके साथ ही, अमेरिका और भारत ने संघर्ष की स्थिति में भी सहयोग किया है, जिसमें खुफिया जानकारी साझा करना और प्रशिक्षण शामिल है।
दोनों देश एआई और टेलीकम्युनिकेशन पर मिलकर कर रहें काम : गार्सेट्टी
गार्सेट्टी ने यह भी उल्लेख किया कि दोनों देश कृत्रिम बुद्धिमत्ता के क्षेत्र में मिलकर काम कर रहे हैं और टेलीकम्यूनिकेशन क्षेत्र में किसी एक देश पर निर्भरता कम करने के लिए भी कार्य कर रहे हैं। भारत और अमेरिका मिलकर जलवायु परिवर्तन पर काम कर सकते हैं, जो हाल ही में अत्यधिक गर्मी और भारी बारिश के रूप में दिख रहा है। गार्सेट्टी ने बताया कि भारत और अमेरिका की विशेषज्ञता का उपयोग फिजी और फिलीपींस जैसे तीसरे देशों की सहायता के लिए किया जा रहा है। इसके साथ ही, तंजानिया के साथ सहयोग की योजना भी है।