अयोध्या में आगामी 22 जनवरी को भव्य मंदिर में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर पूरा माहौल राममय होता जा रहा है। घरों से लेकर मठ-मंदिरों तक प्राण-प्रतिष्ठा के अवसर पर पूजा-पाठ, शोभायात्रा व दीपोत्सव मनाने की तैयारी चल रही है।
इधर,गोपालगंज सहित पूरे बिहार व नेपाल के तराई इलाकों में श्री रामचरित मानस, सुंदर कांड, विनय पत्रिका सहित राम के जीवन व लीला से जुड़ीं पुस्तकों व ग्रंथों की बिक्री में उछाल आ गई है। स्थिति यह है कि गोपालगंज सहित बिहार व नेपाल के जिलों में पुस्तक विक्रेताओं को आपूर्ति करने वाले अधिकृत विक्रेता मांग के अनुसार श्री रामचरित मानस की आपूर्ति नहीं कर पा रहे हैं। पटना के खजांची रोड स्थित गीता प्रेस गोरखपुर के पुस्तकों के विक्रेता व थोक आपूर्तिकर्ता कृष्ण कुमार भीमसरिया बताते हैं कि मधुबनी, सीतामढ़ी, मुजफ्फपुर, दरभंगा, नवादा, भागलपुर व आरा सहित लगभग सभी जिलों में श्री रामचरित मानस की बिक्री कई गुनी अधिक बढ़ गई है। लोग एक-दूसरे को भगवान राम से जुड़ी पुस्तक उपहार स्वरूप दे रहे हैं। गोपालगंज के रामायण व दूसरे धार्मिक पुस्तकों के विक्रेता राजू तिवारी बताते हैं कि हाल के वर्षों में श्री रामचरित मानस की इतनी बिक्री कभी नहीं हुई थी। पहले सप्ताह में दो-चार रामायण के खरीदार पहुंचते थे। अब रोज 6 से 7 बिक रहे हैं। सीतामढ़ी गोयना कॉलेज कैंपस के दुकानदार नरेन्द्र कुमार के अनुसार पहले महीने में 30 श्रीराम चरित मानस की बिक्री होती थी। अब 90 से 100 तक की बिक्री हो रही है।
हर आकार के रामचरित मानस की है मांग
पुस्तक विक्रेताओं के अनुसार हर साइज व दाम के श्री रामचरित मानस की मांग है। जेब के आकार के 70 रुपए में, मंझोले आकार के 200,बड़े आकार के 3 से 5 सौ रुपए में व सबसे बड़े आकार के श्री राम चरित मानस 700 है।