अररिया में तटबंध टूटा, सीतामढ़ी में एनएच पर चढ़ा पानी
कोसी और सीमांचल के जिलों में नदियों के जलस्तर में वृद्धि का सिलसिला शुक्रवार को भी जारी रहा। सुपौल और मधेपुरा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि दर्ज की गई। कटिहार जिले में गंगा, कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में वृद्धि हुई तो पूर्णिया में परमान नदी पर उफान पर रही। अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र की दरगाहीगंज पंचायत के वार्ड संख्या तीन स्थित सिमरबनी तथा खरसाही नहर का तटबंध टूट जाने से वार्ड संख्या 03 में पानी घुस जाने से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं।
सुपौल में कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी रही। सुपौल, किशनपुर, सरायगढ़ – भपटियाही, मरौना ,निर्मली प्रखंडों के तटबंध के अंदर निचले इलाकों में पानी के घटने के बाद फिर से बढ़ने लगा है। कोसी नदी का जलस्तर कोसी बराज पर शुक्रवार शाम चार बजे एक लाख 85 हजार 800 क्यूसेक डिस्चार्ज रिकॉर्ड किया गया। जल संसाधन विभाग वीरपुर के मुख्य अभियंता ई वरुण कुमार ने बताया कि कोसी नदी के जलस्तर में वृद्धि हो रही है। बराज के 24 फाटक खोले गए हैं। मधेपुरा जिले में कोसी नदी के जलस्तर में धीमी गति से वृद्धि जारी है।
खगड़िया जिले में कोसी व बागमती नदी के जलस्तर में शुक्रवार को तीसरे दिन भी वृद्धि दर्ज की गई। जिले के बलतारा में 95 सेंटीमीटर पिछले 24 घंटे में बढ़ी। वही संतोष स्लुईस गेट के पास बागमती नदी में पिछले 24 घंटे में एक मीटर 53 सेंटीमीटर की वृद्धि हुई।व ही बेलदौर प्रखंड अंतर्गत कैंजरी गांव के पास ग्रामीण सड़क पर पानी पहुंच गया है जिससे लोगों की आवागमन में परेशानी बढ़ गई है।
कटिहार में गंगा, कोसी और बरंडी नदी के जलस्तर में बढ़ाने का सिलसिला जारी है। महानंदा नदी के जलस्तर में आंशिक वृद्धि के बाद दोपहर से गिरावट हो रही है। हालांकि महानंदा नदी का पानी छह बिंदुओं पर खतरे के निशान से डेढ़ से दो फीट ऊपर है। इसके कारण कदवा प्रखंड की तटबंध और नदी के बीच स्थित पंचायत के गांवों में पानी फैलने लगा है। अररिया जिले के नरपतगंज प्रखंड क्षेत्र की दरगाहीगंज पंचायत के वार्ड संख्या तीन स्थित सिमरबनी तथा खरसाही नहर का तटबंध टूट जाने से वार्ड संख्या 03 में पानी घुस जाने से सैकड़ों लोग प्रभावित हुए हैं। सिमरबनी नहर का तटबंध टूटने से पूरा पानी गांव की ओर घुसने लगा है। वहीं कुर्साकांटा प्रखंड क्षेत्र होकर बहने वाली बकरा, भलुआ, लौहंद्रा, बरजान, परमान, मशना, लवकटरिया आदि नदियों के उफनाने से एक दर्जन से अधिक गांव के निचले इलकों में पानी फैल गया है। पूर्णिया जिले में परमान नदी के जलस्तर में शुक्रवार को वृद्धि के बाद यह खतरे के निशान के ऊपर पहुंच गयी। महानंदा नदी के जलस्तर में शुक्रवार को कमी के बाद भी जलस्तर खतरे के निशान के ऊपर है।
भिट्ठामोड़-चोरौत एनएच पर तीन फीट पानी बह रहा
मुजफ्फरपुर। जलग्रहण क्षेत्र में हो रही बारिश के बाद उत्तर बिहार की नदियों का जलस्तर शुक्रवार को बढ़ गया है। पश्चिम चंपारण में गंडक, सीतामढ़ी में बागमती और अधवारा समूह की नदियां, मधुबनी के जयनगर में कमला और दरभंगा के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में कमला बलान में पानी उफना गई हैं। समस्तीपुर के मोहनपुर में गंगा का जलस्तर स्थिर है जबकि बागमती और बूढ़ी गंडक में वृद्धि जारी है। नदियों में पानी बढ़ने से पूर्वी चंपारण, पश्चिम चंपारण व सीतामढ़ी के निचले इलाकों में बाढ़ जैसे हालात हैं।
सीतामढ़ी के ढेंग, सोनाखान, डूबाधार और कटौझा में बागमती खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। सोनबरसा में भारत नेपाल सीमा सड़क पर भी करीब तीन फीट पानी बह रहा है। वाल्मीकिनगर गंडक बराज से शुक्रवार शाम चार बजे 3.40 लाख क्यूसेक पानी छोड़ा गया। आसपास के निचले इलाकों में पानी भरने लगा है। मधुबनी में नदियों के जलस्तर में उतार-चढ़ाव जारी है। जयनगर में कमला खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। दरभंगा में कमला बलान नदी का जलस्तर बढ़ने से कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड की इटहर पंचायत के सभी सात गांव बाढ़ से प्रभावित हैं। बाढ़ से लगभग 10 हजार की आबादी प्रभावित है।
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