BiharNationalPolitics

अश्विनी चौबे बोले- भाजपा में आयातित माल नहीं चलेगा

भारतीय जनता पार्टी पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के एक बयान के बाद बिहार की राजनीति में खलबली है। उनके बयान के बाद बिहार में कई राजनीतिक सवाल खड़े हो गए हैं। माना जा रहा है उनके बयानों का सीधा असर बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी पर पड़ने वाला है। दरअसल, बीजेपी के सीनियर लीडर अश्विनी चौबे में दिल्ली में एक बयान में यह कहा कि वो जमीनी स्तर के कार्यकर्ता हैं। उन्होंने भाजपा में दरी तक उठाने का काम किया है। उन्होंने कहा कि वह चाहते हैं कि 2025 में बिहार में बीजेपी की सरकार बने। इसके बाद उन्होंने जो बात कही वह सीधे तौर पर बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी को टारगेट करने वाला है।

अश्विनी चौबे बोले- आयातित माल नहीं चलेगा

अश्विनी चौबे ने दिल्ली में एक बयान में यह कहा कि बिहार प्रदेश अध्यक्ष भाजपा किसी को भी बनाएं, वो उसके साथ खड़े रहेंगे। मगर आयातित माल नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि आयातित लोगों को मंत्री, सांसद, विधायक बनाया मगर राष्ट्रीय अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष मूल रूप से उस विचारधारा का होना चाहिए जो विचारधारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेई ने पार्टी को दी है। अश्विनी चौबे के इस बयान के बाद यह माना जा रहा है कि उनका सीधा टारगेट बिहार के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी हैं।

राज्यपाल बनाए जाने का ऑफर ठुकराया!

बताया जा रहा है कि अश्विनी चौबे का यह बयान उसे वक्त आया है, जब उन्होंने खुद को राज्यपाल बनाए जाने का ऑफर ठुकरा दिया है। ऐसे में यह माना जा रहा है की अश्विनी चौबे बिहार के प्रदेश अध्यक्ष की कमान संभालने के इच्छुक हैं। अश्विनी चौबे बीजेपी के विचारधारा के जमीन स्तर के कार्यकर्ता भी हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी, दीनदयाल उपाध्याय और अटल बिहारी वाजपेई के सिद्धांतों वाले नेता भी हैं। ऐसे में इस बात का अनुमान लगाया जा रहा है कि अश्विनी चौबे बिहार के अगले प्रदेश अध्यक्ष के रूप में खुद को प्रोजेक्ट करते हुए नजर आ रहे हैं।

उपमुख्यमंत्री के साथ प्रदेश अध्यक्ष हैं सम्राट चौधरी

बिहार बीजेपी के प्रदेश इस वक्त दो पदों पर हैं। सम्राट चौधरी एक तरफ जहां बिहार के डिप्टी सीएम का पद भी संभाल रहे हैं और प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी भी। ऐसे में बीजेपी के सिद्धांत पर एक व्यक्ति एक पद के खिलाफ है। इधर, अश्विनी चौबे की तरह ही सम्राट चौधरी ने भी संगठन में काम करने की अपनी इच्छा जता दी है। उन्होंने कहा कि वह संगठन का काम देखना चाहते हैं। ऐसे में प्रदेश अध्यक्ष यदि सम्राट चौधरी बने रहते हैं तो उन्हें बिहार के उपमुख्यमंत्री का पद छोड़ना होगा।

बीजेपी सवर्ण समाज को अब साधने का करेगी प्रयास

मगर सवाल तो यह है कि क्या भाजपा अपने प्रदेश अध्यक्ष में बदलाव करेगी? माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद बीजेपी सवर्ण समाज को साधने का प्रयास करेगी। बीजेपी के पास सवर्ण समाज को साधने के लिए कई चेहरे हैं। जिन्हें बीजेपी आगे कर सकती है। एक तरफ जहां अश्वनी चौबे ब्राह्मण चेहरा हैं। जिससे छेड़छाड़ का खमियाजा बीजेपी को भुगतना पड़ा है। अश्विनी चौबे बक्सर लोकसभा सीट से सांसद थे। यहां बाहरी मिथिलेश तिवारी को उतारने के बाद बीजेपी को यह सीट गंवानी पड़ी। आरा में आरके सिंह की भी हार हुई। अनुमान है कि यहां सवर्ण समाज एकजुट नहीं हुआ। शाहाबाद और मगध के क्षेत्र में राजपूत, ब्राह्मणों और सवर्ण समाज की नाराजगी थी। ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में अश्वनी चौबे, मिथिलेश तिवारी और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष संजय जयसवाल को आगे बढ़ा सकती है। गोपाल जी ठाकुर भी इस रेस में शामिल माने जा रहे हैं।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण CM नीतीश कुमार पहुंचे रोहतास