आंगनबाड़ी सेविका का बेटा बना आईएफएस अधिकारी

20240509 062027

कहते हैं जब सच्ची लगन और इच्छाशक्ति हो तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता है। यह बात कटहलबाड़ी मोहल्ले के रहने वाले राहुल राज ने साबित किया है। राहुल ने यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (यूपीएससी) की इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (आईएफएस) की परीक्षा को छठे प्रयास में क्रैक किया है।

बुधवार को जारी परीक्षा परिणाम में राहुल को 147 में 143वीं रैंक हासिल हुई है। उनकी मां ललिता देवी आंगनबाड़ी सेविका हैं। उन्होंने बताया कि इस सफलता में उनके पिता राज कुमार चौधरी और मां का बड़ा हाथ है। आईएफएस बने राहुल की तीन बहनें हैं। इसमें एक बहन प्रीति कुमारी 67वीं बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की परीक्षा में सफल होकर बीडीओ बनी हैं। एक बहन बीपीएससी की तैयारी कर रही है, जबकि एक और बहन बीटेक कर रही है। राहुल ने बताया कि उनकी 10वीं की शिक्षा अद्वैत मिशन से हुई थी। 12वीं की परीक्षा एसकेपी विद्या विहार से पूरी की थी। इसके बाद आईआईटी रूड़की से 2016 में बीटेक किया। उन्होंने बताया कि बीटेक के बाद सॉफ्टवेयर डेवलपर की जॉब हो गयी, लेकिन इससे बेहतर करने की प्रबल इच्छा शक्ति थी। इस कारण 2018 में नौकरी छोड़ वे दिल्ली चले गये। राहुल ने कहा, पांच प्रयास में असफलता के बाद छठे में सफल हुआ।

बाद पहली बार यूपीएससी की परीक्षा में बैठे तो इंटरव्यू के लिए सेलेक्ट हुए, लेकिन फाइनल रिजल्ट नहीं हुआ।

विपरित परिस्थिति में माता-पिता ने बढ़ाया हौसला

राहुल ने बताया कि वे परीक्षा में सफल होने के आइडिया के लिए कई कोचिंग संस्थान में कॉपियों की इवॉल्यूशन करने गए। इसके अलावा कोचिंग में ही कई तरह का कार्य किया। इससे उन्हें तैयारी में काफी मदद मिली। उन्होंने एक के बाद एक पांच प्रयास किए, लेकिन किसी में लिखित परीक्षा तो किसी में इंटरव्यू में असफल रहे। उन्होंने बताया कि पांचवें प्रयास में वे हार महसूस करने लगे। उन्हें लगा कि अब वे परीक्षा में सफल नहीं हो पाएंगे, लेकिन इस परिस्थिति में माता-पिता ने साथ देते हुए कहा कि वह आगे प्रयास करे, जरूर सफलता मिलेगी। इससे हिम्मत मिली और उन्होंने छठी बार परीक्षा दी। इसमें वे सफल हो गए। राहुल ने कहा कि यदि सच्ची लगन और लक्ष्य लेकर तैयारी करते हैं तो सफलता जरूरी हाथ लगेगी। हमें अपना शत प्रतिशत देते हुए प्रयास करते रहना चाहिए। यदि प्रयास सकारात्मक हो और परिवार का साथ होता है तो सफलता निश्चित आपके कदम चूमेगी।

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