आंध्र प्रदेश में फिर शुरू हूई बदले की राजनीति, जगनमोहन रेड्डी का TV चैनल राज्य में बंद
जहां राजनीति है वहां प्रतिशोध या बदले की भावना अवश्य देखी जाती है। यह बात कहने में अच्छी लगती है कि पक्ष और विपक्ष में जनहित के मुद्दों पर परस्पर समन्वय व सहयोग होना चाहिए तथा मतभेद भले ही हो, मनभेद वांछित नहीं है। अपने स्वार्थ को लेकर कितने ही नेता निर्मम हो उठते हैं और प्रतिपक्षी के हितों को नुकसान पहुंचाने या तबाह करने में लगे रहते हैं। चाहे केंद्र हो या राज्य, हर कहीं ऐसा नजारा देखा जाता है। सत्ता पाने के बाद स्वाभाविक रूप से अहंकार में वृद्धि हो जाती है और प्रतिपक्ष दुश्मन नजर आने लगता है।
आंध्रप्रदेश में चंद्राबाबू नायडू के नेतृत्व में टीडीपी सरकार आने के बाद वाईएसआर कांग्रेस के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री जगनमोहन रेड्डी परिवार द्वारा प्रमोट किया गया साक्षी टीवी चैनल बंद कर दिया गया। कुछ केबल टीवी ऑपरेटरों ने 4 टीवी चैनलों- टीवी 9, साक्षी टीवी, एनटीवी और 10 टीवी का प्रसारण रोक दिया। केबल टीवी ऑपरेटरों का कहना है कि उन्हें चैनल बंद करने के लिए कहा गया है लेकिन वे यह नहीं बताएंगे कि ऐसा करने का आदेश किसने दिया है। पहले तो यह 4 चैनल 6 जून को एक दिन के लिए बंद किए गए थे।
यद्यपि राज्य सरकार इस बात से इनकार कर रही है कि केबल टीवी ऑपरेटरों को कोई निर्देश दिए गए लेकिन वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के नेता व राज्यसभा सदस्य एस। निरंजन रेड्डी ने कहा कि नवगठित टीडीपी सरकार के दबाव और निर्देशों के तहत आंध्रप्रदेश केबल टीवी ऑपरेटर्स एसोसिएशन के इन 4 टीवी चैनलों को हमेशा के लिए बंद करने की मांग की है। निरंजन ने इस हस्तक्षेप को मीडिया की आजादी के लिए नकारात्मक बताया। यद्यपि आंध्रप्रदेश के आईटी मंत्री एन। लोकेश नायडू ने कहा कि न तो टीडीपी और न ही राज्य में एनडीए के किसी नेता ने किसी भी न्यूज चैनल को ब्लाक करने का निर्देश दिया।
‘जैसे को तैसा’ वाला मामला
उल्लेखनीय है कि जब वाईआरएस कांग्रेस की सरकार आंध्रप्रदेश में सत्तारूढ़ थी तब उसने भी टीडीपी समर्थक न्यूज चैनलों का प्रसारण बंद करवाया था। मई 2021 में तेलुगू समाचार चैनल टीवी 5 और एबीएन आंध्र ज्योति को जगन सरकार के दबाव में इन्हीं केबल टीवी ऑपरेटरों ने बंद किया था। जाहिर है कि इसी का बदला चंद्राबाबू नायडू की सरकार ने उसी तरीके से लिया है। बंद किए गए टीवी 9, एनटीवी और साक्षी चैनल के दर्शकों की संख्या लगभग 60 प्रतिशत है। वैसे यह चारों चैनल डीटीएच प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं।
चंद्राबाबू बख्शते नहीं
अपने ससुर एनटी रामाराव से सत्ता का उत्तराधिकार छीननेवाले चंद्राबाबू नायडू से विपक्ष के प्रति नरमी दिखाने की उम्मीद नहीं की जा सकती। उन्होंने एनटी रामाराव के पुत्र हरिकृष्ण या रामाराव की तीसरी पत्नी लक्ष्मीपार्वती को राजनीति में उभरने नहीं दिया था। वे ऐसा टीवी न्यूज चनल कैसे चलाने देंगे जो प्रतिपक्षी नेता द्वारा प्रवर्तित हो। राजनीतिक दबाव की बात कोई खुलकर स्वीकार नहीं करता लेकिन गुंटूर स्थित एक टीडीपी नेता ने कहा कि केबल ऑपरेटर वहीं करते हैं जो लोग चाहते हैं। ये न्यूज चैनल टीडीपी की भारी जीत के बाद भी चंद्राबाबू नायडू को निशाना बना रहे थे। लोगों को यह बात पसंद नहीं है।
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