आईएमएफ ने भारत के आर्थिक प्रदर्शन की सराहना की, देश को वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत योगदान देने वाला ‘स्टार परफॉर्मर’ बताया

20231220 003212

आईएमएफ ने भारत के आर्थिक प्रदर्शन की सराहना की, देश को वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत योगदान देने वाला ‘स्टार परफॉर्मर’ बताया। निरंतर विकास के लिए देश के डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना और सरकार द्वाराअवसंरचना को मजबूत प्रोत्साहन को इसका श्रेय दिया। भारत की राजकोषीय नीति और आरबीआई की मौद्रिकनीति से जुड़े सक्रिय कदमों की प्रशंसा की। चालू वित्त वर्ष में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया। 

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने वैश्विक चुनौतियों के बीच भारत की आर्थिक सुदृढ़ता और विकास की सराहना की है। कोष ने अपनी वार्षिक आर्टिकल IV परामर्श रिपोर्ट में कहा है कि भारत एक ‘स्टार परफॉर्मर’ के रूप में उभरा है। कोष ने अनुमान जताया है कि भारत वैश्विक विकास में 16 प्रतिशत से अधिक का योगदान देगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि विवेकपूर्ण व्यापक आर्थिक नीतियों की सहायता से भारत इस साल दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर है।

 

रिपोर्ट में कहा गया है कि विकास के लिए ठोस आधार प्रदान करने के क्रम में सरकार द्वारा अवसंरचना में निवेश करने और आवश्यक लॉजिस्टिक्स विकसित करने पर बहुत जोर दिया जा रहा है। इसमें कहा गया है, “सरकार ने कई संरचनात्मक सुधार किए हैं, जिनमें सर्वाधिक प्रमुख सुधार डिजिटलीकरण है, जो कई वर्षों से विकसित हो रहा है और इसने भारत को भविष्य में बेहतर उत्पादकता और विकास के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म प्रदान किया है।” अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष ने चालू वित्त वर्ष के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है।

 

आईएमएफ का कहना है, “यदि व्यापक सुधार लागू किए जाते हैं, तो श्रम और मानव पूंजी के अधिक योगदान के साथ भारत में और भी अधिक विकास की संभावना है।” उसने सिफारिश की है कि नीतिगत प्राथमिकताओं में राजकोषीय बफ़र्स को फिर से मजबूत करने, मूल्य स्थिरता हासिल करने, वित्तीय स्थिरता बनाए रखने और व्यापक संरचनात्मक सुधारों के माध्यम से समावेशी विकास में तेजी लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाना चाहिए।

आईएमएफ ने आरबीआई की सक्रिय मौद्रिक नीति से जुड़े कदमों और मूल्य स्थिरता के प्रति मजबूत प्रतिबद्धता की भी सराहना की है। कोष ने इस पर सहमति जताई कि डेटा केंद्रित दृष्टिकोण पर आधारित वर्तमान तटस्थ मौद्रिक नीति का रुख उचित है और उसे धीरे-धीरे मुद्रास्फीति को लक्ष्य पर वापस लाना चाहिए। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति ने वैश्विक कमोडिटी कीमतों में उछाल के बाद उच्च मुद्रास्फीति को कम करने के लिए 2022-23 में नीतिगत रेपो दर को 250 आधार अंक बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया है।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.