आईसीएमआर ने कोवैक्सीन के दुष्प्रभाव को नकारा
कोरोना से बचाव के लिए तैयार की गई को-वैक्सीन पर बीएचयू में हुए शोध पर भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कड़ी आपत्ति जताई है। परिषद ने अध्ययन करने वाले बीएचयू के दो विज्ञानियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है।
बीएचयू के फार्माकोलॉजी और जीरियाट्रिक विभाग की ओर से पिछले दिनों किए गए अध्ययन में बताया गया था कि कोवैक्सीन लेने वाले किशोरों और वयस्कों में इसका काफी दुष्प्रभाव हुआ है। अध्ययन के आधार पर रिपोर्ट में कहा गया कि 30 फीसदी से ज्यादा लोगों को इससे स्वास्थ्य संबंधी परेशानी झेलनी पड़ी। इस रिपोर्ट के प्रकाशन के बाद लोग सशंकित होने लगे। यह अध्ययन जीरियाट्रिक विभागाध्यक्ष प्रो. शुभ शंख चक्रवर्ती और फार्माकॉलोजी विभाग की डॉ. उपिंदर कौर ने किया था। इसमें बताया था कि कोवैक्सीन के प्रभाव से लोगों में स्ट्रोक, खून का थक्का जमना, बाल झड़ना, त्वचा की खराबी जैसी समस्याएं हो रही हैं।
खेद वयक्त करें आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने शनिवार को प्रो. चक्रवर्ती और डॉ. कौर को भेजे नोटिस में स्पष्ट तौर पर कहा कि इस रिपोर्ट से परिषद से जुड़ा हिस्सा तत्काल हटाया जाए और इस संदर्भ में खेद व्यक्त किया जाए।
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