एयर टर्बुलेंस के कारण सिंगापुर एयर दुर्घटनाग्रस्त होने से बाल-बाल बच गई। इस हादसे में एक शख्स की मौत हो गई।आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि एयर टर्बुलेंस क्या होता है?
सिंगापुर एयरलाइंस का एक विमान 21 मई को म्यांमार के आसमान में एयर टर्बुलेंस में फंस गई, जिसके कारण अंदर बैठे कई यात्री अचानक लगे झटके से पूरी तरह डर गए. इस दौरान 73 साल के एक ब्रिटिश यात्री की मौत हो गई जबकि 30 लोग घायल हो गए. ये फ्लाइट लंदन से सिंगापुर जा रही थी. सिंगापुर एयरलाइंस की बोइंग 777-300ER फ्लाइट ने भारतीय समयानुसार देर रात 2:45 बजे उड़ान भरी. उड़ान भरने के 10 घंटे बाद, फ्लाइट म्यांमार के एयर स्पेश में 37 हजार फीट की ऊंचाई पर खराब मौसम के कारण एयर टर्बुलेंस की शिकार हो गई. इसके बाद से लोगों गूगल पर सर्च शुरु कर दिया है कि आखिर ये एयर टर्बुलेंस क्या होता है?
ये एयर टर्बुलेंस क्या होता है?
आज इस खबर में हम आपको बताएंगे कि एयर टर्बुलेंस क्या है? आख़िर इसके कारण विमान असंतुलित क्यों हो जाता है? आपको बता दें कि जब कोई विमान आसमान में उड़ रहा होता है तो हवा अनियंत्रित होकर विमान के पंखों से टकराती है और विमान में एयर टर्बुलेंस पैदा हो जाती है. कई बार ये इतना खतरनाक हो जाता है कि विमान को दुर्घटनाग्रस्त होने से कोई नहीं बचा पाता और जब ऐसा होता है तो यात्री फ्लाइट के अंदर अपना पूरा संतुलन खो बैठते हैं।
साथ ही आपको यह भी बताते हैं कि एयर टर्बुलेंस कितने प्रकार की होते हैं? विमानन विशेषज्ञों के अनुसार, एयर टर्बुलेंस कई प्रकार के होते हैं. ये सभी खराब मौसम से जुड़े हैं. जैसे खराब मौसम में बिजली का कड़कना, भारी बादल होना से भी टर्बुलेंस क्रिएट होता है. अब जान लेते हैं कि कितने प्रकार के होते हैं।
1. क्लियर एयर टर्बुलेंस
2. थर्मल एयर टर्बुलेंस
3. टेम्पेरेचर इंवर्जन टर्बुलेंस
4. मेकनिकल टर्बुलेंस
5. फ्रंटल टर्बुलेंस
6. माउंटेन वेब टर्बुलेंस
7. थंदररस्टॉर्म टर्बुलेंस
आखिर क्यों हो रहा है एयर टर्बुलेंस?
अब सवाल है कि आखिर एयर टर्बुलेंस की वजह क्या है? दुनियाभर के मौमस वैज्ञानिक दावा कर रहे हैं कि तापमान बढ़ने के कारण ये बदलाव देखने को मिल रहे हैं. आने वाले समय में अगर धरती पर तापमान का संतुलन नहीं बनता है तो ऐसे टर्बुलेंस देखने को मिल सकते हैं. एक अध्ययन से पता चला है कि 1979 से 2020 के बीच 41 वर्षों में उत्तरी अटलांटिक हवाई मार्ग पर अशांति के मामलों में 55 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।