गरुड़ पुराण हिंदू धर्म के महत्वपूर्ण ग्रंथों में शामिल है। आमतौर पर किसी व्यक्ति की मृत्यु के बाद उसके घर में गरुड़ पुराण का पाठ करवाया जाता है और सभी लोग बैठकर इसे सुनते है। इस पुराण में नरक, स्वर्ग, रहस्य, नीति, धर्म और ज्ञान का उल्लेख किया गया है। ऐसे में आइए जानते हैं कि किसी मृत्यु के बाद इसका पाठ घर में करवाने से क्या लाभ मिलते हैं।
क्यों करवाया जाता है पाठ
हिंदू धार्मिक ग्रंथो में माना गया है कि मृत्यु के 13 दिन बाद तक आत्मा धरती लोक पर ही भटकती रहती है। इसीलिए 13 दिनों तक अलग-अलग तरह के कर्मकांड किए जाते हैं, ताकि आत्मा को शांति मिल सके। इस दौरान जब गरुड़ पुराण का पाठ कराया जाता है, तो ऐसा माना जाता है कि मृतक भी इस पाठ को सुन रहा है। इस पाठ के द्वारा आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
मिलते हैं ये लाभ
किसी सदस्य की मृत्यु के बाद जब घर में गरुड़ पुराण का पाठ करवाया जाता है, तो इससे घर के सदस्यों को आध्यात्मिक शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही इससे व्यक्ति को धर्म और आध्यात्मिक से जुड़ा ज्ञान भी मिलता है। यह पुराण व्यक्ति की पाप और पुण्य से संबंधित जानकारी को तो बढ़ाता ही है। साथ ही इससे ज्ञान, यज्ञ, तप और आत्मज्ञान, सदाचार के बारे में जानकारी मिलती है।
इन नियमों का रखें ध्यान
गरुड़ पुराण के पाठ का पूर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए कई तरह के नियमों का ध्यान रखा जाता जरूरी है। सबसे पहले पाठ करने से लिए पवित्रता का ध्यान रखा जाना चाहिए। इसका पाठ हमेशा किसी साफ-सुथरी जगह पर ही करना चाहिए।