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आज और कल मनायी जाएगी लोहड़ी, जानें शुभ मुहूर्त और लोहड़ी वाले दिन क्या करते हैं

नॉर्थ इंडिया में खासकर पंजाब और हरियाणा में लोहड़ी धूमधाम से मनायी जाती है।आइए जानते हैं इस बार लोहड़ी जलाने का समय क्या है और लोहड़ी के दिन क्या करते हैं।

हिंदूं पंचांग के अनुसार आज और कल दोनों ही दिन लोहड़ी का पवित्र त्योहार सेलिब्रेट किया जाएगा. लोहड़ी, एक प्रसिद्ध पंजाबी त्योहार है जो मुख्यतः उत्तर भारतीय राज्यों में मनाया जाता है. इसे सर्दी के मौसम में बनाए जाने वाले बोनफायर्स के चारों तरफ बैठकों के दौरान मनाने का रूप माना जाता है. वैसे तो हर साल लोहड़ी 13 जनवरी को ही मनाई जाती थी लेकिन इस बार ये तिथि दो दिन की हो गयी है. ऐसे में 13 जनवरी 2024 और 14 जनवरी 2024 दोनों ही दिन लोग लोहड़ी मना सकते हैं. आइए जानते हैं लोहड़ी जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है और इस दिन क्या-क्या खास करते हैं।

लोहड़ी जलाने का शुभ मुहूर्त 

इस बार 13 और 14 जनवरी को लोहड़ी मनायी जा रही है. लेकिन ज्यादातर लोग 13 को ही लोहड़ी मना रहे हैं क्योंकि लोहड़ी जलाने का शुभ मुहूर्त आज शाम 05 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 08 बजकर 12 मिनट तक रहने वाा है. तो आप भी इसी दौरान लोहड़ी जलाकर गिद्दे और भांगड़ा कर सकते हैं।

लोहड़ी का मुख्य तत्व है बोनफायर्स। लोग इकट्ठा होकर बोनफायर्स जलाते हैं और इसमें बैठक का आनंद लेते हैं।

गुड़ और मूंगफली:

लोहड़ी के दिन गुड़ और मूंगफली को भी जलाया जाता है। इसे परंपरागत रूप से खाकर और बांटकर खुशियां बाँटी जाती हैं।

गाने और नृत्य:

लोहड़ी के दिन लोग भंगड़ा और गिड़ा नृत्य करते हैं, जो त्योहार को और भी रंगीन बना देता है।

लोहड़ी का गीत गाना:

लोग लोहड़ी के मौके पर विशेष लोहड़ी गाने गाते हैं, जो त्योहार की माहौल में रंग भरते हैं।

परंपरागत भोजन:

लोहड़ी के दिन लोग परंपरागत पंजाबी भोजन का आनंद लेते हैं, जैसे कि मक्के की रोटी, साग, उरद की दाल, और गुड़ वाली रेवड़ी।

बच्चों के साथ खेलना:

लोहड़ी के दिन बच्चे आमतौर पर गुड़ीयों के साथ बाजारों में घूमते हैं और खेतों में खुदाई भी करते हैं।

साथी संगीत:

लोहड़ी में लोग अपने साथी, परिवार, और दोस्तों के साथ संगीत का आनंद लेते हैं, जिससे माहौल और भी उत्साही होता है।

धार्मिक पूजा:

कुछ लोग लोहड़ी के दिन धार्मिक पूजा करते हैं और सूर्य देवता की पूजा को बहुत अधिक महत्व देते हैं।

लोहड़ी का उत्सव गर्मी और आनंद का संगम है, और यह भारतीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा होने के साथ-साथ समृद्धि और खुशियों का प्रतीक भी है।


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