आचार्य प्रमोद कृष्णम ने देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस की बदहाली को रेखांकित किया है।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ये वो कांग्रेस नहीं रही, जो पहले हुआ करती थी। पहले की कांग्रेस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के बताए रास्तों पर चला करती थी, लेकिन आज की कांग्रेस मोहम्मद अली जिन्ना के बताए रास्तों पर चल रही है।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बुधवार को कहा, “कांग्रेस अब अपने विचारों से समझौता करने पर उतारू हो चुकी है, इसलिए उसकी ऐसी हालत है। अगर उसने अपने विचारों से समझौता नहीं किया होता, तो आज इस देश की जनता ने उसे खारिज नहीं करती और उसकी ऐसी दुर्गति नहीं हुई होती।”
उन्होंने ‘विभाजन की विभीषिका’ को लेकर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन भारत दो टुकड़ों में बंटा था। मैं देश के सभी राजनीतिक दलों से कहना चाहता हूं कि राजनीति अलग है, और राष्ट्र अलग है। दोनों को आपस में जोड़ने का प्रयास मत कीजिए। अगर आप ऐसा करेंगे, तो ऐसा करके आप देश को तोड़ने का प्रयास कर रहे हैं, जो कि मैं समझता हूं कि बिल्कुल भी उचित नहीं है। राजनीति राष्ट्र से बड़ी नहीं हो सकती है। आप लोग थोड़ी राष्ट्रनीति कीजिए, सत्ता, सियासत और सिंहासन ये अपनी जगह है। जब देश ही नहीं रहेगा, तो आप लोग सत्ता का क्या करोगे?”
उन्होंने कहा, ”जब आपकी पार्टी का कोई नेता गलत काम करता है, तो आप लोग चुप हो जाते हो और जब कोई दूसरी पार्टी का नेता होता है, तो आप हो-हल्ला करने लग जाते हो। ये आप लोगों का दोहरा चरित्र है। आप लोग कुछ तो मान्यता का पालन करो, कुछ तो मर्यादा रखो, अयोध्या में लड़की से दुराचार हुआ, लेकिन, समाजवादी पार्टी ने आरोपी को पद से भी नहीं हटाया। कह रहे हैं कि इसका डीएनए कराओ। अगर दूसरा कोई फंसता, तो कहते कि उसे सूली पर चढ़ा दो। अब ऐसा दोहरा चरित्र नहीं चलेगा।”