आज तीसरी बार होगी सरकार और किसानों के बीच वार्ता, शंभू बॉर्डर पर तनाव की स्थिति
किसानों के दिल्ली चलो मार्च का आज तीसरा दिन है।किसानों और सरकार के बीच अब तक दो दौर की बातचीत हो चुकी है लेकिन कोई समाधान नहीं निकाल।
मुख्य तथ्य
- आज किसानों और सरकार के बीच फिर से वार्ता
- दो दौर की बैठक बेतनतीजा रहने बाद तीसरी बार होगी बात
- बैठक तक किसानों ने रोका दिल्ली चलो मार्च
दिल्ली आने की जिद पर अड़े पंजाब- हरियाणा के किसानों और सुरक्षाबलों की बीच हुए टकराव के चलते शंभू बॉर्डर पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. इसी बीच खबर आई है कि दो दौर की बातचीत विफल होने के बाद सरकार एक बार फिर से किसानों से बातचीत करने की पहल कर रही है. गुरुवार को सरकार और किसानों के बीच तीसरे दौर की वार्ता होगी. जिसमें किसानों की मांगों को लेकर बड़ा निर्णय लिया जा सकता है. किसानों और सुरक्षाकर्मियों के बीच हुई झड़प के बाद से शंभू और दातासिंह सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है।
आज शाम चंडीगढ़ में किसानों के साथ वार्ता
बुधवार को भी किसानों और सुरक्षा बलों के बीच झड़प हुई. पंजाब के किसानों ने हरियाणा की सीमा में घुसने की कोशिशी की तो सुरक्षाबलों ने आंसू गैस के गोलों के साथ-साथ रबर की गोलियां भी दागीं. इस दौरान रबर की गोलियां लगने से दातासिंह वाला सीमा पर पांच किसान घायल हो गए. अब सरकार और किसानों के बीच आज यानी गुरुवार शाम पांच बजे चंडीगढ़ में तीसरे दौर की बातचीत होगी. इस बैठक के चलते किसानों ने फिलहाल दिल्ली चलो मार्च को रोक दिया है. हालांकि हरियाणा की सीमाओं पर अभी भी 25 हजार से ज्यादा किसान डेरा डाले हुए है।
8 और 12 फरवरी को हुई थी बैठक
इससे पहले किसानों और सरकार के बीच आठ और 12 फरवरी को बैठक हो चुकी है. लेकिन ये दोनों ही बैठकें बेनतीजा रही. सरकार की तरह से बातचीत की पेशकश तब की गई थी जब प्रदर्शनकारी किसान अपनी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) और ऋण माफी पर कानून समेत कई मांगों को लेकर दिल्ली चलो मार्च के लिए निकल पड़े. फिलहाल किसान पंजाब और हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर रुके हुए हैं और दिल्ली आने की कोशिश में हैं. किसानों को रोकने के लिए मंगलवार और बुधवार को दिल्ली की लगभग सभी सीमाओं पर भारी संख्या में सुरक्षाबल तैनात रहे।
ये तीन मांगें पूरी होने तक आंदोलन करेंगे किसान
किसान नेता डल्लेवाल और पंधेर का कहना है कि तीन मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. किसानों के ये तीन मांगें एमएसपी की कानूनी गारंटी, कर्जमाफी और बिजली अधिनियम रद्द करना हैं. वहीं हरियाणा और पंजाब के बॉर्डर पर अर्धसैनिक बलों की तैनाती, पुलिस की कार्रवाई और ड्रोन का इस्तेमाल करने को लेकर पंधेर ने नाराजगी जताई. उन्होंने कहा कि किसान शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं, तो उनपर बलप्रयोग क्यों किया जा रहा है।
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