HealthBhakti

आज व्यस्त और तनावपूर्ण जिंदगी में अगर आपको सकून कि तलाश है तो जाऐं वेल्लिंगिरी पर्वत पर स्थित ईशा फाउंडेशन

Google news

आलेखविनोद आनंद 

आज व्यस्त और तनावपूर्ण जिंदगी में सकून तलाश कि अगर जरुरत है तो कई स्वयंसेवी संस्थाओं में से एक ईशा फाउंडेशन है.जहाँ आप मनोरम प्रकृति के गोद में जाकर ध्यान योग और मेडिटेशन के जरिये अपने व्याकुल मन को शांत कर सकते हैं.

यह केंद्र उन सभी लोगों की सहायता करने के लिए एक पवित्र स्थान है जहाँ अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं तो वह भी कर सकते हैं , ईशा संस्थान वर्तमान में एक समृद्ध समुदाय के लिए आवश्यक सुविधाओं का विस्तार और विकास कर रहा है।

चाहे कोई व्यक्ति यहाँ पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप से रहना चाहे, परिवार को साथ रहना चाहे, या दूर से काम करना चाहे, उसके लिए आवास के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं।

ईशा फाउंडेशन क्या करता है?

ईशा फाउंडेशन, एक जीवंत आध्यात्मिक आंदोलन, व्यक्तिगत विकास का समर्थन करने, मानवीय भावना को पुनर्जीवित करने, समुदायों के पुनर्निर्माण और पर्यावरण को बहाल करने के लिए कई बड़े पैमाने पर मानव सेवा परियोजनाओं को भी लागू करता है।

ईशा फाउंडेशन एक स्वयंसेवी संगठन है और यह दुनिया भर में इनर इंजीनियरिंग पूरा करने वाले स्वयंसेवकों को निस्वार्थ कर्म के माध्यम से आगे बढ़ने का अवसर देता है। स्वयंसेवा आपको ईशा योग केंद्र का गहन अनुभव प्राप्त करने का अवसर देता है।

ईशा फाउंडेशन के गुरु कौन है?

सद्गुरु जग्गी वासुदेव ने साल 1983 में अपने 7 साथियों के साथ योग क्लास की शुरुआत की थी। आज उनका ‘ईशा योग फाउंडेशन’ किसी पहचान का मोहताज नहीं है। कोयंबटूर से करीब 30 किलोमीटर दूर वेल्लिंगिरी की पहाड़ी पर स्थित ईशा फाउंडेशन योग के प्रचार-प्रसार का प्रमुख केंद्र बन गया है।150 एकड़ में फैला है ईशा फाउंडेशन,जहाँ 112 फिट ऊंचे ‘आदियोगी’ की विशाल मूर्ति भी स्थापित है जो यहाँ कि भव्यता और मनोरम दृश्य को चार चाँद लगा देता है.

ईशा आश्रम में रहने का खर्चा कितना है?

कोयंबटूर में ईशा योग आश्रम में जाने के लिए आपको कुछ भी खर्च नहीं करना पड़ेगा क्योंकि प्रवेश निःशुल्क है। यदि आप ध्यानलिंग और लिंग भैरवी के दर्शन के लिए कुछ घंटे या एक दिन बिताना चाहते हैं तो आपको कुछ भी भुगतान नहीं करना होगा।लेकिन अगर आप स्थायी रूप से यहाँ निवास करना चाहते हैं इसका शुल्क तय है जिसकी जानकारी ईशा फाउंडशन के साइट पर मिल जाएगा.

आज ईशा फाउंडेशन केरल में है जिसका कुल सम्पति 1,500 करोड़ रुपये हैं. ईशा फाउंडेशन के संस्थापक जग्गी वासुदेव भी करोड़ों के मालिक हैं. उनकी कुल नेटवर्थ 18 करोड़ रुपये की है.

क्या हम ईशा फाउंडेशन में रह सकते हैं?

उन सभी लोगों की सहायता करने के लिए जो एक पवित्र स्थान पर अपना जीवन व्यतीत करना चाहते हैं, ईशा संस्थान वर्तमान में एक समृद्ध समुदाय के लिए आवश्यक सुविधाओं का विस्तार और विकास कर रहा है। चाहे कोई व्यक्ति यहाँ पूर्णकालिक या अंशकालिक रूप से रहना चाहे, परिवार को साथ लाना चाहे, या दूर से काम करना चाहे, उसके लिए आवास के विभिन्न विकल्प उपलब्ध हैं।

ईशा फाउंडेशन क्यों जाएं?

ईशा आत्म-परिवर्तन के लिए एक पवित्र स्थान है, जहाँ आप अपने आंतरिक विकास के लिए समय समर्पित कर सकते हैं। यह केंद्र योग के सभी चार प्रमुख मार्ग प्रदान करता है – क्रिया (ऊर्जा), ज्ञान (ज्ञान), कर्म (कार्रवाई), और भक्ति (भक्ति), जो दुनिया भर से लोगों को आकर्षित करता है

ईशा फाउंडेशन क्या करता है?

ईशा फाउंडेशन, एक जीवंत आध्यात्मिक आंदोलन, व्यक्तिगत विकास का समर्थन करने, मानवीय भावना को पुनर्जीवित करने, समुदायों के पुनर्निर्माण और पर्यावरण को बहाल करने के लिए कई बड़े पैमाने पर मानव सेवा परियोजनाओं को भी लागू करता है।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी स्पैम कॉल : दूरसंचार कंपनियों ने 50 संस्थाओं को बैन किया, 2.75 लाख कनेक्शन काटे भागलपुर : युवक का अवैध हथियार लहराते फोटो वायरल भागलपुर में पार्षद नंदिकेश ने तुड़वाया वर्षों से बंद पड़े शौचालय का ताला ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की ओर से स्कूल परिसर में किया पौधारोपण