पटना: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने आम सभा को संबोधित करते हुए कहा कि आधा पेट खाइए, लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाइए। वही वो हथियार है, पढ़ाई से ही जीवन सुधरेगा। कोई नेता आपको ये बात नहीं बताएगा। अगर, आपके चार बच्चे हैं, आप बहुत गरीब हैं, उसमें से एक बच्चे को भी पढ़ाइए लेकिन पढ़ाइए। अगर, आपका एक भी बच्चा पढ़-लिखकर निकल गया, तो पूरे परिवार को गरीबी से निकाल देगा। अगर आप अपने बच्चों को नहीं पढ़ाइएगा, तो जीवन भर आपके बच्चों को खिचड़ी ही खाना पड़ेगा, मजदूरी करना पड़ेगा और आपको नाली-गली के लिए, पांच किलो अनाज के लिए नेताओं के सामने भीख मांगनी पड़ेगी। आधा खाना खाइए या मत खाइए, मजदूरी कीजिए लेकिन अपने बच्चों को पढ़ाइए, इसी से जीवन सुधरेगा।
गांव के लोगों को संबोधित करते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि यहां जितने लोग आए हैं, मैं दावा करता हूं कि उनमें कोई भी आदमी ऐसा नहीं है जो ये देखने के लिए विद्यालय में गया हो कि उनका बच्चा पढ़ रहा है या नहीं। आज अगर आर्केस्ट्रा, नाच आ जाए तो पूरे जवार के दस हजार आदमी वो देखने के लिए चले जाएंगे। आपको नाच देखने का समय है, भारत, पाकिस्तान, पुलवामा आपको समझ में आ रहा है। हिंदू-मुसलमान करने की समझ है, आपको अपनी जाति की चिंता है। लालू जी का लड़का कैसे मुख्यमंत्री बनेगा उसकी चिंता है। मोदी जी का 56 इंच का सीना आपको दिख रहा है। लेकिन, अपने बच्चों की बर्बादी आपको नहीं दिख रही है। तो आपके बच्चे नहीं भोगेंगे तो भला और कौन भोगेगा।