International News

आरक्षण विरोधी आंदोलन के कारण भारत-बांग्लादेश के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस रद्द, रेलवे ने कहा-लौटाया जाएगा किराया

बांग्लादेश में कोटा विरोधी आंदोलन के कारण भारी अशांति फैली हुई है। अभी तक हालात सामान्य नहीं हुए हैं। इसी बीच भारत-बांग्लादेश को जोड़ने वाली कुछ ट्रेनों को कुछ दिनों के लिए रद्द कर दिया गया है। रेलवे ने बताया है कि इन रद्द की गई ट्रेनों के टिकट के पैसे वापस कर दिए जाएंगे।

रेलवे के अनुसार, संचालन संबंधी कारणों से कोलकाता और ढाका के बीच चलने वाली मैत्री एक्सप्रेस को रद्द कर दिया गया है। 13108 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस, 13107 ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस और 13109 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस की कुछ तिथियों में एक-एक ट्रिप रद्द रहेगी।

 

किस दिन नहीं चलेंगी ये ट्रेनें?
– 13108 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस, जिसे 22 जुलाई को कोलकाता स्टेशन से रवाना होना था, रद्द रहेगी।
– 13107 ढाका-कोलकाता मैत्री एक्सप्रेस, जिसे 23 जुलाई को ढाका से रवाना होना था, रद्द रहेगी।
– 13109 कोलकाता-ढाका मैत्री एक्सप्रेस, जिसे 23 जुलाई को कोलकाता स्टेशन से रवाना होना था, रद्द रहेगी।
रद्द ट्रेनों के टिकट की वापसी की शर्तें:
1. कोलकाता के संबंधित टिकट काउंटर से खरीदे गए टिकट का पूरा पैसा केवल कोलकाता के विशेष टिकट काउंटर पर ही वापस किया जाएगा।
2. खोए हुए (मिसप्लेस) टिकट के लिए कोई पैसा वापस नहीं किया जाएगा।
3. विदेशी पर्यटकों के लिए पीआरएस के संचालन समय के भीतर टिकट का पूरा पैसा वापस किया जाएगा। टीडीआर जारी नहीं किया जाएगा।

क्यों हो रहा है आंदोलन
बांग्लादेश के तत्कालीन प्रधानमंत्री मुजीबुर रहमान ने 1972 में सरकारी नौकरियों में मुक्ति योद्धाओं के परिवारों के लिए 30 फीसदी आरक्षण लागू किया था। 2018 में आंदोलन शुरू होने के बाद वर्तमान शेख हसीना सरकार ने इस आरक्षण व्यवस्था को रद्द कर दिया। 2021 में हसीना सरकार के निर्णय को चुनौती देकर कुछ लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। पांच जून को हाई कोर्ट ने हसीना सरकार के निर्णय को ‘अवैध’ करार देते हुए आरक्षण व्यवस्था को फिर से लागू करने का आदेश दिया। तब से ही बांग्लादेश में विरोध की आग भड़क रही है।

बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने नया नए सिरे से दिया आदेश
बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट ने रविवार को आदेश दिया कि सरकारी नौकरियों में 93 फीसदी सीटें योग्यता के आधार पर भरी जाएंगी। शेष सात फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। इनमें मुक्ति योद्धा, उनके बच्चे और पोते-पोतियों के लिए पांच फीसदी सीटें आरक्षित रहेंगी। पिछड़े वर्ग के लिए एक फीसदी कोटा और शेष एक फीसदी कोटा विकलांग और तीसरे लिंग के नागरिकों के लिए आरक्षित होगा। यानी पहले की तरह 30 फीसदी सीटें आरक्षित नहीं रहेंगी। मुक्ति योद्धाओं के लिए आरक्षित सीटें 30 फीसदी से घटाकर अब पांच फीसदी कर दी गई हैं।
सरकारी नौकरियों में मुक्ति योद्धाओं के परिवारों के लिए आरक्षण व्यवस्था में सुधार के आदेश के बाद भी सोमवार तक बांग्लादेश में संघर्ष नहीं थमा। इसके परिणामस्वरूप भारत आए बांग्लादेशी वापस नहीं जा पा रहे हैं। वे चाहते हैं कि स्थिति जल्द से जल्द सामान्य हो जाए।


Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

Kumar Aditya

Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.

Discover more from Voice Of Bihar

Subscribe now to keep reading and get access to the full archive.

Continue reading

मत्स्य पालन और जलीय कृषि में ड्रोन प्रौद्योगिकी के अनुप्रयोग और प्रदर्शन पर कार्यशाला आयोजित बिहार में बाढ़ राहत के लिए भारतीय वायु सेना ने संभाली कमान बिहार के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण करने रवाना हुए सीएम नीतीश पति की तारीफ सुन हसी नही रोक पाई पत्नी भागलपुर में खुला पटना का फैमस चिका लिट्टी