देश के आर्थिक मोर्चे पर अच्छी खबर है। भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) ने चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 7.0 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। उद्योग निकाय ने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति 4.5 फीसदी रहने का अनुमान व्यक्त किया है।
चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत
फिक्की ने गुरुवार को जारी आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण रिपोर्ट में कहा कि लगातार चुनौतियों के बावजूद भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक बना हुआ है। आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक वित्त वर्ष 2024-25 के लिए औसत जीडीपी वृद्धि 7.0 फीसदी रहने का अनुमान जताया है।
उद्योग और सेवा क्षेत्र में भी वृद्धि का अनुमान
फिक्की आर्थिक परिदृश्य सर्वेक्षण के अनुसार कृषि और संबद्ध गतिविधियों के लिए औसत वृद्धि का पूर्वानुमान वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 3.7 फीसदी रखा गया है। यह वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज लगभग 1.4 फीसदी की वृद्धि की तुलना में सुधार दर्शाता है। उद्योग निकाय को उम्मीद है कि अल नीनो प्रभाव में कमी आने से कृषि उत्पादन के लिए अच्छे संकेत मिलने की संभावना है। दूसरी ओर उद्योग और सेवा क्षेत्र में चालू वित्त वर्ष में क्रमशः 6.7 फीसदी और 7.4 फीसदी की वृद्धि होने का अनुमान है।
रिपोर्ट में शामिल अर्थशास्त्रियों ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के उत्तरार्ध में ही नीतिगत ब्याज दर रेपो रेट में कटौती की उम्मीद है, क्योंकि आरबीआई से मुद्रास्फीति के रुझान पर कड़ी नजर रखते हुए अपने सतर्क रुख को जारी रखने की उम्मीद है। वित्त वर्ष 2024-25 (31 मार्च 2025) के अंत तक रेपो दर को घटाकर 6.0 फीसदी तक करने का अनुमान है।