आर्थिक समीक्षा 2024 के अनुसार देश में AB-PMJAY से 49 प्रतिशत महिलाओं को मिला स्वास्थ्य लाभ
केन्द्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्र निर्मला सीतारमण ने सोमवार को संसद में ‘आर्थिक समीक्षा 2023-24’ पेश करते हुए कहा कि समावेशी विकास के प्रति उत्तरदायी आवश्यक दीर्घकालिक कारकों के साथ जुड़ी हुई मजबूत स्वास्थ्य सेवा प्रणाली सुदृढ़ अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है। इस समीक्षा में सभी आयु वर्गों के लिए अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण सुनिश्चित करने तथा अच्छी गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच के लिए सरकार द्वारा उठाये गये प्रमुख कदमों और योजनाओं को रेखांकित किया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 के अनुसार आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) के लाभार्थियों में 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। एम्स देवघर में 10,000वें जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया गया। आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन के अंतर्गत 64.86 करोड़ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाये गये।
आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) वंचित परिवारों को द्वितीयक और तृतीयक अस्पताल में भर्ती के लिये 5 लाख रुपये/वर्ष का स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने के प्रति लक्षित है। 8 जुलाई, 2024 तक 34.73 करोड़ आयुष्मान भारत कार्ड बनाये जा चुके हैं और इस योजना के अंतर्गत अस्पतालों में 7.37 करोड़ रोगी भर्ती हुए हैं। गौरतलब हो कि इस योजना के लाभार्थियों में 49 प्रतिशत महिलाएं हैं। वहीं, पीएम जन औषधि केंद्र का उद्देश्य गुणवत्तापूर्ण दवाइयां बाजार की कीमतों से 50-90 प्रतिशत सस्ते दामों पर उपलब्ध कराना है। केंद्र सरकार की इस योजना के अंतर्गत पिछले साल एम्स देवघर में 10,000वें जन औषधि केंद्र का उद्घाटन किया गया।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में बताया गया कि विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 300 से ज्यादा अमृत फार्मेसियां संचालित हैं। इनका उद्देश्य गंभीर बीमारियों के लिए सस्ती दवाइयां उपलब्ध कराना है। आयुष्मान भवः अभियान के दौरान हासिल की गई सराहनीय उपलब्धियां निम्नलिखित हैं।
- 16.96 लाख कल्याण-योग और ध्यान सत्र; 1.89 करोड़ टेली परामर्श दिये गये।
- 11.64 करोड़ लोगों ने निशुल्क दवाइयां प्राप्त कीं और 9.28 करोड़ लोगों ने निशुल्क निदान सेवाओं का लाभ उठाया।
- 82.10 लाख माताओं और 90.15 लाख बच्चों ने जन्म के बाद जांच (एएनसी) और टीकाकरण का लाभ उठाया।
- 34.39 करोड़ लोगों ने सात प्रकार की जांच (टीबी, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, मुख कैंसर, स्तन कैंसर, गर्भाशय ग्रीवा कैंसर और मोतियाबिंद) का लाभ उठाया।
- 2.0 करोड़ रोगियों ने सामान्य ओपीडी से परामर्श लिया, जबकि 90.69 लाख रोगियों ने विशेषज्ञ ओपीडी से परामर्श लिया तथा 65,094 बड़ी सर्जरी और 1,96,156 छोटी सर्जरी की गईं।
- 13.48 करोड़ एबीएचए खाते खोले गये, 9.50 करोड़ आयुष्मान कार्ड बनाये गये और 1.20 लाख आयुष्मान सभाएं आयोजित की गईं।
- 25.25 लाख स्वास्थ्य मेलों में कुल 20.66 करोड़ लोग (31 मार्च, 2024 तक) आये।
आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन (एबीडीएम)- 2021 में आरंभ की गई इस योजना का उद्देश्य देश भर में एक राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इको-सिस्टम तैयार करना है। इसके अंतर्गत 64.86 करोड़ आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाते (एबीएचए) बनाये गये, 3.06 लाख स्वास्थ्य सुविधा रजिस्ट्रियां बनाई गईं, 4.06 लाख स्वास्थ्य व्यवसायियों का पंजीकरण किया गया और 39.77 करोड़ स्वास्थ्य रिकॉर्ड एबीएचए के साथ जोड़े गये। देश में दूरदराज के क्षेत्रों में आभासी डॉक्टर परामर्श के लिए ई-संजीवनी- टेलीमेडिसिन के लिए 2019 में आरंभ की गई। इस योजना के अंतर्गत 9 जुलाई, 2024 तक 1.25 लाख स्वास्थ्य एवं कल्याण केंद्रों, जिन्हें अब आयुष्मान आरोग्य मंदिर के नाम से जाना जाता है, में 15,857 केंद्रों के माध्यम से 26.62 करोड़ रोगियों को सेवाएं प्रदान की गईं।
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