आसमान से बरस रही आग, राजस्थान में हीटवेव से 12 लोगों की मौत…जानें अपने राज्य का हाल

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राजस्थान में 28 मई तक गर्मी से राहत मिलने क़ी कोई उम्मीद नहीं है और करीब 22 जिलों में हीटवेव का रेड अलर्ट है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरान कुछ जिलों में तापमान 50 डिग्री तक पहुँच सकता है. उधर नौतपा क़ी आज से शुरुआत हो गई है.

आज यानि शनिवार से नवतपा शुरू हो गया है और ये सोमवार 3 जून तक रहेगा. सूर्य के रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करने के बाद नवतपा शुरू हो जाता है. नवतपा से जुड़ी ज्योतिषीय मान्यताएं हैं. इन दिनों में सूर्य पूरे प्रभाव में होता है और इसी वजह से इन दिनों में गर्मी ज्यादा रहती है. इस समय कोनवतपा के साथ ही रोहिणी का तपना भी कहते हैं. इस क्रम में पूरा राजस्थान इस समय हीटवेव क़ी चपेट में है. बीते दो दिन क़ी बात करें तो सरकारी आंकड़ों में राजस्थान में हीटवेव क़ी जद में आने से 12 मौतें भी हो चुकी है. इस बीच आज से नौतपा क़ी भी शुरुआत हो गई है. यानि वो 9 दिन ज़ब सूरज धरती पर सबसे ज्यादा गर्मी बरसाता है.

22 जिलों में हीटवेव का रेड अलर्ट

राजस्थान में 28 मई तक गर्मी से राहत मिलने क़ी कोई उम्मीद नहीं है और करीब 22 जिलों में हीटवेव का रेड अलर्ट है. ऐसा माना जा रहा है कि इस दौरान कुछ जिलों में तापमान 50 डिग्री तक पहुँच सकता है. उधर नौतपा क़ी आज से शुरुआत हो गई है. आज से सूर्य प्रचंड रूप में दिखाई देता है. इस अवधि को ज्योतिष में नौतपा कहा जाता है. नौतपा 2 जून तक रहेगा. आज सुबह 3 बजे कर 16 मिनट पर सूरज रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश कर गया है जो 2 जून की सुबह तक रहेगा. ज्योतिषी की मानें तो इस दौरान सूर्य व पृथ्वी के बीच की दूरी इस समय सबसे कम हो जाती है. इसलिए सूर्य सबसे अधिक गर्म दिखाई देता है.

नौतपा के पहले 6 दिनों में भीषण गर्मी रहेगी

रिपोर्ट के अनुसार इस बार रोहिणी नक्षत्र में सूर्य का भ्रमण काल 14 दिनों के लिए है. इस क्रम में इस साल नौतपा के पहले 6 दिनों में भीषण गर्मी रहेगी. वहीं जब नौतपा समापन की ओर होगा तब अंतिम के तीन दिन हवाएं तेज चलेंगी. इसीके साथ कहीं-कहीं बारिश के भी आसार है. इसी के साथ कहीं-कहीं बौछारें भी हो सकती है. नौतपा में जितनी गर्मी बढ़ेगी उतनी ही अच्छी बरसात होगी. नौतपा को लेकर वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहता है कि इस दौरान सूर्य की किरणें पृथ्वी पर सीधी पड़ती है. इस वजह से धरती के तापमान में काफी वृद्धि हो जाती है.  नौतपा के समय भीषण गर्मी के कारण मैदानी इलाकों में निम्न दबाव का क्षेत्र बनता है, जिसकी वजह से समुद्र की लहरें आकर्षित होती हैं और इससे अच्छी बरसात होती है. वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अगर बात की जाए तो नौतपा होना बेहद जरूरी है.