इमरजेंसी लगा कांग्रेस ने देश को कालकोठरी बना दिया था – लालमोहन गुप्ता

IMG 20240625 WA0114

भागलपुर : मंगलवार को जिला भाजपा की ओर से गौशाला प्रांगण मे इस दिन को न सिर्फ काला दिवस के रूप में मनाया गया बल्कि इस पर संगोष्ठी आयोजित कर उस वक्त के दृश्यों को सामने लाने की पहल की गई।कार्यक्रम मे उपस्थित आपातकाल मे जेल गए लोकतंत्र सेनानी को अंगवस्त्र से सम्मान किया।

विद्यान परिषद सदस्य लालमोहन गुप्ता ने कहा कि अभिव्यक्ति की आज़ादी एक बहुचर्चित विषय है और 25 जून का दिन इस बारे में चिंतन करने का एक महत्वपूर्ण दिन है। 25 जून 1975 को इस देश में वो सब घटित हुआ, जिसकी कल्पना करना भी वीभत्स है।आपातकाल स्वार्थ के आगे लोकतंत्र को धराशायी करने का एकमात्र उदाहरण है। यह सब अचानक नहीं हुआ, बल्कि व्यक्तिपूजा की कांग्रेस की परिपाटी का ही परिणाम था।मैं देशभक्तों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं जिन्होंने लोकतंत्र को फिर से स्थापित करने और तानाशाही मानसिकता को हराने के लिए अपना सब कुछ कुर्बान कर दिया।

जिलाध्यक्ष संतोष साह ने आपातकाल को लेकर कांग्रेस पर चौतरफा हमला किया,जिसे 48 साल पहले इंदिरा गांधी शासन के तहत घोषित किया गया था।इस दिन 1975 में कांग्रेस ने सत्ता के लिए हर भारत के संवैधानिक अधिकार छीन लिए और आपातकाल लगाया।कांग्रेस ने हमेशा संविधान का गला घोंटा है। कांग्रेस ने पूज्य बाबा साहब के द्वारा बनाए गए पवित्र संविधान को खण्ड-खण्ड करने का काम किया है।

क्रूरता के मामले में कांग्रेस शासन ने विदेशी शासन को भी पीछे छोड़ दिया।

पूर्व प्रत्याशी अर्जित सास्वत चौबे ने कहा की 25 जून 1975 को ही देश में इंदिरा गांधी ने आपातकाल लागू किया था. जिसने इंदिरा गांधी, कांग्रेस और देश को कहीं का नहीं छोड़ा. मतलब आपातकाल की आड़ में आजाद भारत में अपनों ने ही ‘अपनों’ को गुलामों से बदतर हालात में धकेल दिया था.मर्जी से हंसने,बोलने, मन की कहने और सुनने तक पर पाबंदी लगा दी गई. तमाम ताकतवर हिंदुस्तानियों को जबरिया ही गिरफ्तार करके जानवरों की मानिंद जेलों में ठूंस दिया गया।

वरिष्ठ कार्यकर्ता हरिवंश मणि सिंह ने कहा कि आज भारत में लोकतंत्र जीवित है, इसमें आपातकाल में जिन्होंने भी संघर्ष किया, जेल काटी और यातनाएँ सहीं, उन सभी का बहुत बड़ा योगदान है. भारत की आने वाली पीढ़ियाँ उनका योगदान कभी भुला नहीं सकतीं।

प्रदेश कार्यसमिति सदस्य पवन मिश्रा ने कहा की 25जून को हम ‘काला दिवस’ के रूप में मना रहे हैं। यह आवश्यक है, कि इमरजेंसी के रूप में प्रजातंत्र का गला घोंटने का जो कुत्सित प्रयास हुआ था, देश का प्रत्येक नागरिक उसे जान सके।

सम्बोधन देने वालो जिला उपाध्यक्ष दिलीप निराला,मे प्रो राजीव मुन्ना, विनोद सिन्हा, ने भी सम्बोधन किया।

सम्मेलन में मुख्य रूप से उमाशंकर,विजय कुशवाहा, मनीष दास, स्वेता सुमन, राजेश टंडन,पवन मिश्रा,मुकेश सिंह, निरंजन चंद्रवंशी,प्रतिक आनंद,बैजनाथ मण्डल बिनोद सिन्हा, जिला मीडिया प्रभारी प्राणिक बाजपेई, विनीत भगत, चंदन पोद्दार,बजरंग बिहारी, अमरजीत चंद्र सिंह,रामदेव साह, दीपशिखा नंद,अभिनन्दन यादव, निक्कू चौबे, गौरव गुप्ता, संजीव कुमार, सुमित कुमार, बिट्टू कुमार, राहुल कुमार, रंजीत गुप्ता, रामदेव साह,बलवंत राज, नंदन कुमार, संदीप कुमार, निरंजन कुमार सिन्हा, राजकुमार साह, सुबोध सिंह चंदेल, हेमंत शर्मा, शशांक घोष,रोहित राज,मनीष मिश्रा,इक़बाल अंसारी, प्रकाश कुमार आदि कार्यकर्ता संगोष्ठी मे शामिल हुए।

Kumar Aditya: Anything which intefares with my social life is no. More than ten years experience in web news blogging.
Recent Posts