यह मिशन खगोलीय स्रोतों से ब्रह्मांडीय एक्सरे के ध्रुवीकरण का अध्ययन करने संबंधी भारत के पहले समर्पित वैज्ञानिक प्रयास को दर्शाता है। इस प्रक्षेपण के बाद भारत ब्लैक होल और न्यूट्रॉन नक्षत्रों के अध्ययन के लिए विशिष्ट खगोल शास्त्रीय वेधशाला भेजने वाला दूसरा देश बन गया है। इसरो के अध्यक्ष एस0 सोमनाथ ने बताया कि एक्सपोसैट को सफलतापूर्वक प्रक्षेपण किया गया है।
एक्सपोसैट के साथ प्रक्षेपित 10 अन्य पेलोड जिन संस्थानों से हैं उनमें- टेक मी टू स्पेस, एलबीएस इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी फॉर वुमन, केजे सौमया इंस्टीट्यूट ऑफ टैक्नोलॉजी, इंस्पेसिटी स्पेस लैब्स प्राइवेट लिमिटेड, ध्रुव स्पेस प्राइवेट लिमिटेड, बेलाट्रिक्स एयरोस्पेस प्राइवेट लिमिटेड और इसरो से तीन पेलोड शामिल हैं।
यह वर्ष का पहला प्रक्षेपण और छुट्टियों का समय था, इसलिए अंतरिक्ष केंद्र की दर्शक दीर्घा सभी उम्र के लोगों की उत्साही भीड़ से भरी हुई थी। बच्चों को इसरो के मिशन के बारे में अपनी समझ साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया। छात्रों को भावी पीढ़ी को प्रेरित करने और उनके मन में वैज्ञानिक सोच पैदा करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।