भागलपुर की पहचान आम की खुशबू बाजार में मई के अंतिम सप्ताह से फैलेगी। मिश्रित लाल पीला और हरे रंग का आम आखों को लुभाएगा। सबसे पहले बंबई आम से दीदार होगा। हालांकि मालदा के लिए इंतजार करना पड़ेगा। भागलपुर में करीब एक लाख हेक्टेयर में आम का बागान है। इस बार जोड़ा साल होने के चलते आम के फल का ऑफ सीजन
आम खाने के लिए जेब करनी पड़ेगी ढीली
जिले में तकरीबन एक लाख हेक्टेयर में आम का बागान हैं। इस बार जोड़ा वर्ष होने की वजह से आम के फलन का ऑफ सीजन है। इस बार आम के पेड़ों पर मंजर ही 60 प्रतिशत तक लगे। उस पर थोड़ा मौसम की प्रतिकुलता रहती ही है। बीच में ज्यादा हीट होने की वजह से पेड़ में 40 प्रतिशत ही फल लगे हैं। इस वजह से उत्पादन कम होगा। आम पिछले वर्ष की अपेक्षा इस बार महंगा होगा।
बंबइया आम इस मई माह के अंतिम सप्ताह से बाजार में मिलने लगेगा। जून के प्रथम सप्ताह में जीआई टैग जर्दालू आम, खास नजर आएगा और फिर बारी आएगी भागलपुर में बड़े पैमाने पर उत्पादन होने वाला दूधिया मालदा आम का जो जून के दूसरे सप्ताह से बाजार में चारों ओर दिखेगा।
यूं तो जीआई टैग जर्दालू को मिला है, लेकिन दूधिया मालदा की खुशबू, स्वाद और गुणवत्ता का जवाब नहीं है। इतना ही नहीं, जिले में मालदा आम के लिए मिट्टी और जलवायु काफी अनुकूल है तभी तो बंपर उत्पादन देने वाला यह प्रभेद कहा जाता है। बाग लगाने वाले बागवानों की पहली पसंद मालदा ही है। जिले में सबसे ज्यादा मालदा आम का उत्पादन होता है।
क्या बोले फल विज्ञानी
आम का ऑफ वर्ष होने के कारण पेड़ में फल कम लगा है। इस माह के अंतिम सप्ताह से आम बाजार में आ जाएगा। फलों की गुणवत्ता में कोई कमी नहीं है।- डॉ. पवन कुमार, फल विज्ञानी, बीएयू