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इस बार सावन की ये अमावस्या है खास, क्‍या कहते हैं ज्योतिषाचार्य?

ByKumar Aditya

जुलाई 29, 2024
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हम अक्सर तीर्थ स्थानों या मंदिरों में भगवान की आराधना के लिए जाते हैं। हमारे जीवन में जो भी कष्ट होते हैं, हम उम्मीद करते हैं कि भगवान उन्‍हें समाप्त करेंगे। भगवान दया की मूर्ति हैं। वह मानव का उस समय पर साथ देते हैं, जब कोई नहीं देता। मगर, क्‍या आपको पता है कि साल में कुछ दिन ऐसे आते हैं, जब भगवान आप पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं।

सावन का महीना इस दृष्टि से बेहद ही खास माना जाता है। ऐसी मान्‍यता है कि इन दिनों भगवान शिव स्वयं धरती पर आते हैं। इसलिए, कहा जाता है कि अगर आप सावन में कुछ नहीं कर सकते तो सिर्फ एक लोटा जल मात्र से ही भगवान शिव आपके सारे दुख हर लेंगे।

सावन के महीने में पूजा-पाठ का अपना विशेष महत्व है, क्‍या आपको पता है कि सावन के महीने में कुछ खास तरह की चीजें दान करने से आपको बहुत पुण्य मिलता है। साथ ही इस माह में आने वाली अमावस्या में भी दान का अपना अलग ही महत्व है।

अगर अमावस्या की बात करें तो, हरियाली अमावस्या (श्रावण अमावस्या) 4 अगस्त को पड़ेगी। अमावस्या तिथि प्रारंभ 3 अगस्त को दोपहर 3:50 से होगा और समाप्ति 4 अगस्त को दोपहर 4.42 बजे होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार सावन की हरियाली अमावस्या 4 अगस्त को मनाई जाएगी।

आज हम उन चीजों की बात करेंगे, जिनका सावन के महीने में दान करना ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बेहद ही अच्‍छा माना जाता है।

आइए कुछ ऐसी चीजों के बारे में जानें, जिनके दान मात्र से ही आपके कष्ट कटने के साथ आपको पुण्य मिलता है।

इसमें सबसे पहले रुद्राक्ष का नाम आता है। माना जाता है कि रुद्राक्ष भगवान शिव को बेहद ही प्रिय है। इसकी उत्पत्ति भोले के आंसुओं से हुई थी। दान के लिए इसे बेहद ही खास माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि आपसे जाने-अनजाने में जो भी पाप हुए हैं, वह रुद्राक्ष दान करने से धुल जाते हैं। इसमें ध्यान रखने वाली बात यह है कि यह दान सिर्फ पंडितों को ही करना चहिए।

काले तिल का भी ज्योतिष शास्त्र में बहुत महत्व बताया गया है। शास्त्रों में कहा गया है कि सावन में काले तिल का दान करने से राहु और केतु के साथ शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या को भी खत्म किया जा सकता है।

दान की चीजों में अगला नाम देसी घी का आता है। ऐसा माना जाता है कि सावन में घी का दान या शिवलिंग पर इसे अर्पित करने से पुरानी से पुरानी बीमारी में फायदा होता है। इससे व्यक्ति को निरोगी काया मिलती है।

अगर आप कालसर्प योग से गुजर रहे हैं तो ऐसे में आपको शिवलिंग पर नाग-नागिन का जोड़ा चढ़ाना है। इसे आप चांदी, तांबा या कांसे का भी बनवा सकते हैं।

सावन में मोक्ष प्राप्ति के लिए भी उपाय दिए गए हैं। ऐसी मान्‍यता चली आ रही है कि इस समय कुर्सी, छतरी और अन्न दान करने से व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

नमक का भी इस माह में विशेष महत्‍व है, माना जाता है कि सावन में नमक का दान करने से गरीबी दूर होती है। घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है। इसके दान भर से आपकी सभी आर्थिक समस्‍याएं खत्‍म होती है।

दान के महत्‍व पर आईएएनएस ने भारतीय ज्ञान शोध संस्थान में शिक्षक के रूप में कार्यरत ज्योतिषाचार्य अल्का शर्मा से बात की।

उन्होंने बताया, “साल भर में जितनी भी अमावस्या आती है, उनका अपने आप में एक विशेष महत्व होता है। सावन में जो अमावस्या आती है, उसका अपना अलग महत्व है। अक्सर आपने देखा होगा कि लोगों के घरों में अशांति रहती है, यह सब पितृ दोष के कारण होता है। आप इस अमावस्या पर अगर दान-पुण्य करते हैं तो आपके घर में सुख शांति तो आएगी ही, साथ ही पितृदोष से भी मुक्ति मिलेगी।”

दान के बारे में बात करते हुए ज्योतिषाचार्य ने बताया कि वैसे तो हर वह वस्‍तु दान की जा सकती है, जिसकी किसी जरूरतमंद को आवश्यकता हो। हम शिवलिंग पर भी अक्‍सर ऐसी ही चीजें अर्पित करते हैं, जो किसी के काम आ सके। इसमें वस्‍त्र दान का भी काफी महत्‍व है, क्‍योंकि वस्‍त्र किसी की भी मूलभूत जरूरत होती है। कई लोग सावन में जनेऊ दान करते हैं, मगर, इसकी जगह वस्‍त्रों का दान ही उचित है।

अल्का शर्मा ने खासतौर पर कहा कि सावन में पौधरोपण का भी विशेष महत्व माना गया है। बीजारोपण सावन में सबसे बड़ी सेवा मानी गई है। इस माह में पौधे लगाने या दान करने से हम सामाजिक ऋण से मुक्‍त हो जाते हैं। इस माह में हर कोई अपनी सामर्थ्य के अनुसार दान पुण्य कर सकता है।


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