हर घर सोलर पैनल लगाने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विज़न को तेजी के साथ पूरा करने में उत्तर प्रदेश सरकार मिशन मोड में जुटी हुई है। पीएम सूर्य घर योजना के अंतर्गत युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित करने का कार्य हो रहा है। उत्तर प्रदेश में भी 30 हजार युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जाना है। अब तक 3 हजार युवाओं को सूर्य मित्र के रूप में प्रशिक्षित किया जा चुका है।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में स्किल्ड मैन पॉवर तैयार करने के लिए राष्ट्रीय सौर ऊर्जा मिशन के तहत सूर्य मित्रों को तैयार करने की योजना है, जिससे सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए कुशल कारीगरों का सृजन हो सके।
केंद्र सरकार का 15, फरवरी 2024 में पीएम सूर्य घर योजना की शुरुआत के बाद से पूरे देश में 1 करोड़ सोलर रूफ टॉप लगाने का लक्ष्य है। वहीं, पीएम मोदी द्वारा संकल्पित इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से प्रदेश में 25 लाख सोलर रूफ टॉप लगाने का संकल्प लिया है। मौजूद आंकड़ों के अनुसार प्रदेश में 18 लाख से अधिक घरों पर सोलर रूफ टॉप लगाने के लिए रजिस्ट्रेशन पूरा हो चुका है। जबकि लगभग 2 लाख घरों के लिए एप्लिकेशन भी सबमिट किया जा चुका है।
वहीं दूसरी ओर 10 हजार से अधिक घरों पर सोलर रूफ टॉप लगाने की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। राज्य सरकार के प्रवक्ता के अनुसार सौर ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने ‘नेट बिलिंग/नेट मीटरिंग की व्यवस्था लागू की है। यही नहीं प्रदेश के 10 लाख घरों पर रूफ टॉप लगाने के लिए यूपीनेडा को टाटा ग्रुप का भी साथ मिला है। फिलहाल वाराणसी से इसकी शुरुआत भी हो चुकी है।
बता दें, इतने बड़े पैमाने पर सोलर रूफ टॉप लगने के बाद इस क्षेत्र में दक्ष युवा मैनपॉवर की आवश्यकता होगी। जिसे देखते हुए यूपीनेडा की ओर से ट्रेनिंग सेंटरों और जिलों के आईटीआई संस्थानों के माध्यम से 30 हजार सूर्य मित्रों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। विभाग के अनुसार अब तक 3 हजार सूर्य मित्रों का प्रशिक्षण पूरा कर लिया गया है।
दरअसल सरकार चाहती है कि सौर ऊर्जा से जुड़े उद्योगों की आवश्यकता को पूरा करने वाले कुशल और रोजगार योग्य मैन पॉवर (सूर्य मित्र) को विकसित किया जाए। सूर्य मित्रों की ट्रेनिंग की अवधि 3 माह की है, जिसमें कक्षा प्रशिक्षण, व्यवहारिक प्रयोगशाला, एसपीवी प्लांट एक्सपोजर, सेवाकालीन प्रशिक्षण (ओजेटी), सॉफ्ट स्किल्स (आसान कौशल) और उद्यमिता कौशल सहित 600 घंटे की ट्रेनिंग शामिल हैं। इसके लिए न्यूनतम योग्यता दसवीं पास के साथ ही इलेक्ट्रिशियन, वायरमेन, इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक, फिटर, शीट मेटल में आईटीआई होना आवश्यक है। सूर्य मित्र प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद प्रशिक्षुओं को रोजगार दिलाने में भी मदद की जाती है।