पटना: पूर्व उपमुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने कहा कि न्यायालय में शपथपत्र देकर जब राज्य सरकार ने जातीय सर्वे के व्यक्तिगत आंकड़े सार्वजनिक नहीं करने की बात कही थी, तब उपेंद्र कुशवाहा के परिवार के आंकड़े जारी होना कई सवाल खड़े करता है. जेडीयू प्रवक्ता के पास ये आंकड़े कैसे आए ? कितने लोगों के ऐसे आंकड़े कितने लोगों को लीक किए गए ? ऐसे सवालों का उत्तर सरकार को देना होगा. कुशवाहा या किसी भी व्यक्ति के आंकड़े जारी करना निजता के अधिकार का उल्लंघन और कोर्ट की अवमानना है।
सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सर्वे में फर्जीवाड़ा होने और कई जातियों की संख्या बहुत कम या बहुत ज्यादा दर्ज करने की शिकायतों को भी गंभीरता से लिया जाना चाहिए. जातीय सर्वे को पूरी तरह त्रुटिहीन और प्रमाणिक बता कर मुख्यमंत्री सारी गड़बड़ियों पर पर्दा डाल रहे हैं।
बता दें कि राष्ट्रीय लोक जनता दल के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया था कि बिहार में जाति सर्वेक्षण के लिए एजेंट उनका डेटा इकट्ठा करने उनके घर नहीं आए थे. इसको लेकर जेडीयू एमएलसी और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने बुधवार को डेटा जारी करते हुए दावा कर दिया कि यह उपेंद्र कुशवाहा से संबंधित है. मीडिया के सामने पांच बिंदुओं का डेटा जारी करते हुए नीरज कुमार ने कहा, ”सोमवार को जारी जाति सर्वेक्षण रिपोर्ट के अनुसार, ‘उपेंद्र कुशवाहा का क्रमांक 130, मकान नंबर 079, घर 1, परिवार के मुखिया उपेंद्र कुशवाहा, परिवार के सदस्यों की संख्या 5 और परिवार क्रमांक 1’ है.” वहीं, इस पर अब बिहार की सियासत गरमा गई है।