कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को लखनऊ में प्राकृतिक खेती पर आधारित ‘भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति’ कार्यक्रम आयोजित किया। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि कम से कम एक करोड़ किसानों के बीच उन्हें प्राकृतिक खेती की गारंटी के बारे में बताया गया।
उन्होंने कहा कि हम कम से कम एक करोड़ किसानों तक जाएंगे और प्राकृतिक खेती की अपेक्षा करेंगे। हम कोशिश करेंगे कि उनसे 18 लाख किसान ऐसे निकलें, जो प्राकृतिक खेती करने का संकल्प लें। अगर आपके पास 5 नैचुरल फार्म है तो एक नैचुरल खेती करें। अगर आपके पास दो पक्के खेत हैं तो बचे हुए पक्के खेत में रहें, बाकी में जो आपको करना है, बने रहें।
उन्होंने कहा कि हमारा कृषि विश्वविद्यालय एक और कॉलेज बनेगा। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ बता रहे थे कि एक कृषि विश्वविद्यालय को प्राकृतिक कृषि विश्वविद्यालय के रूप में विकसित किया जाएगा। मैं उनका अभिनंदन करता हूं। हमारे कृषि महाविद्यालय एवं कृषि विज्ञान केंद्र पर हम कार्यशाला बनाने की दिशा में काम करेंगे। इसके अलावा प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों के खेत भी उगाएंगे।
उन्होंने कहा कि जो प्राकृतिक खेती अपनाएंगे, अनुमोदित प्रशिक्षण देने का काम करेंगे। प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को पहले और दूसरे साल तक उत्पादन थोड़ा कम हो सकता है। लेकिन, तीसरे साल में सबसे ज्यादा होगा। इसलिए, तीन साल तक हम किसानों के खाते में कुछ डालेंगे। केमिकल फ़र्टिलाइज़र पर भी तो रियायती दे ही रहे हैं, तो प्रोत्साहन के लिए ये भी ज़रूरी है। प्राकृतिक खेती से किसानों को जब लाभ होगा तो वह खेती करना शुरू कर देंगे।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती में यदि एक किसान सफल होता है तो वह इस खेती को और बढ़ाएगा तथा अन्य किसान भी प्रभावित होंगे। धीरे-धीरे देशी देश में प्राकृतिक खेती होना। आज-कल इतनी जागरूकता हो गई है कि जब लोगों को पता चला कि प्राकृतिक खेती के उत्पाद हैं, तो उनमें केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग नहीं हुआ है। तो, लोग उसे प्लेस गुआ दाम पर खरीद शेष। मैं हर विषय का विशेषज्ञ नहीं हूं, इसलिए आप सब लोग जो तय करेंगे, उसे हम फॉलो करेंगे। कई मंत्री बार आते हैं ये गुमान हो जाता है कि अपने ही सब कुछ हैं। लेकिन, मैं प्रमाणित करता हूं कि हर व्यक्ति, हर विषय के बारे में जानना संभव नहीं है, यहां विशेषज्ञ बैठे हैं, उनके दिशानिर्देश और सलाह हैं।