दिल्ली पुलिस ने जिस शातिर हाई प्रोफाइल चोर राजेश कपूर को गिरफ्तार किया है, वो केवल फ्लाइट में ही चोरी किया करता था. पुलिस का दावा है कि एक साल के भीतर उसने करीब 200 फ्लाइट्स में चोरी की वारदातों को अंजाम दिया है. 40 साल का ये शातिर चोर बड़ी सफाई के साथ अपने सह यात्रियों के हैंडबैग से गहने और कीमती सामान उड़ा लेता था. अब पुलिस ने उसे दिल्ली के पहाड़गंज इलाके से गिरफ्तार किया है. पुलिस उसके तौर तरीके जानकर हैरान है. चलिए हम आपको बताते हैं शातिर चोर राजेश कपूर की मॉडस ऑपरेंडी.
दरअसल, राजेश कपूर अपराध की दुनिया का एक मझा हुआ खिलाड़ी है. चोरी की वारदातों को लगातार अंजाम देते हुए उसे इतना अनुभव हो गया था कि वो कमजोर यात्रियों, विशेषकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यात्रा करने वाली बुजुर्ग महिलाओं को अपना निशाना बनाता था. वो यात्रियों की अपने हैंडबैग में कीमती सामान ले जाने की प्रवृत्ति को पहचान लेता था.
शातिर चोर राजेश कपूर ने रणनीतिक रूप से प्रीमियम घरेलू उड़ानों, विशेष रूप से एयर इंडिया और विस्तारा में यात्रा करता था, जो दिल्ली, चंडीगढ़ और हैदराबाद जैसे गंतव्यों के लिए उड़ान भरती थीं.
ओवरहेड केबिन में घुस जाता था शातिर चोर
अक्सर वो बोर्डिंग की अव्यवस्था का फायदा उठाते हुए गुप्त रूप से ओवरहेड केबिन में घुस जाता था, सावधानीपूर्वक निरीक्षण करता था और यात्रियों के अपनी सीटों पर बैठने के दौरान उनके हैंडबैग से उनका कीमती सामान चुरा लेता था.
आरोपी राजेश कपूर और उसका साथी शरद जैन पकड़े गए माल के साथ
ऐसे छुपाता था पहचान
बोर्डिंग प्रक्रिया में निहित विकर्षणों के साथ वो बिना पहचाने ही काम करता था. कोई उसकी शिनाख्त ना कर ले, इसलिए राजेश कपूर ने एक भ्रामक रणनीति अपनाई, उसने अपने मृत भाई ऋषि कपूर के नाम से टिकटें बुक की, और एयरलाइंस और कानून प्रवर्तन दोनों से अपनी पहचान छुपा ली.
200 से ज्यादा फ्लाइट्स में यात्रा
पुलिस ने कहा कि राजेश कपूर ने चोरी करने के लिए पिछले साल के दौरान 200 से ज्यादा हवाई यात्रा की 110 दिनों से अधिक समय तक फ्लाइट में सफर किया. आरोपी चोर कपूर को पहाड़गंज से गिरफ्तार किया गया है, जहां उसने चोरी के आभूषण छुपा रखे थे. उसके साथ चोरी का माल खरीदने वाला उसका सहयोगी शरद जैन पुत्र कृष्ण जैन भी पकड़ा गया है.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘आरोपी इसे शरद जैन को बेचने की योजना बना रहा था, जिसे करोल बाग से गिरफ्तार किया गया है. रंगनानी ने कहा कि पिछले तीन महीनों में अलग-अलग उड़ानों में चोरी के दो अलग-अलग मामले सामने आए है, जिसके बाद अपराधियों को पकड़ने के लिए आईजीआई हवाई अड्डे से एक विशेष टीम का गठन किया गया है.
हवाई जहाज में बढ़ रही थी चोरी की वारदात
बता दें कि 11 अप्रैल को हैदराबाद से दिल्ली की यात्रा के दौरान एक यात्री के 7 लाख रुपये के आभूषण खो गए थे. 2 फरवरी को एक और चोरी की सूचना मिली, जहां एक यात्री ने अमृतसर से दिल्ली की यात्रा के दौरान 20 लाख रुपये के आभूषण खो दिए थे.
रंगनानी ने कहा कि जांच के दौरान, दिल्ली और अमृतसर हवाई अड्डों के सीसीटीवी फुटेज और उड़ानों का विश्लेषण किया गया. उन्होंने कहा, ‘एक संदिग्ध को शॉर्टलिस्ट किया गया था क्योंकि उसे उन दोनों उड़ानों में देखा गया था जिनमें चोरी की घटनाएं दर्ज की गई थीं. अधिकारी ने कहा कि संदिग्ध यात्री का फोन नंबर संबंधित एयरलाइंस से लिया गया था, लेकिन उसने बुकिंग के समय एक फर्जी नंबर दिया था. तकनीकी निगरानी के बाद कपूर के मूल फोन नंबर का पता लगाया गया और उसे पकड़ लिया गया.
ऐसे पुलिस के हत्थे चढ़ा हाई प्रोफाइल चोर
पुलिस ने कहा कि लगातार पूछताछ करने पर उसने हैदराबाद उड़ान सहित पांच ऐसे मामलों में शामिल होने की बात कबूल की जहां उसने चोरी की थी. उसने खुलासा किया कि उसने ज्यादातर कैश ऑनलाइन और ऑफलाइन जुए में खर्च की. कपूर को चोरी, जुआ और आपराधिक वारदातों के 11 मामलों में शामिल पाया गया, जिनमें से पांच मामले हवाई अड्डे के थे.