ऑस्ट्रिया में भारतवंशियों से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा-दो देशों के बीच रिश्तों को मजबूती देने में जन भागीदारी बहुत जरूरी
ऑस्ट्रिया में बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऑस्ट्रिया का यह मेरा पहला दौरा है जो उत्साह, उमंग मैं यहां देख रहा हूं वो अद्भूत है। 41 साल बाद भारत के किसी पीएम का यहां आना हुआ है। उन्होंने कहा कि यह इंतजार एक ऐतिहासिक अवसर पर खत्म हुआ है। भारत और ऑस्ट्रिया अपनी दोस्ती के 75 वर्ष मना रहा हैं। उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा ये मत रहा है कि दो देशों के बीच के रिश्ते सिर्फ सरकारों से नहीं बनते। रिश्तों को मजबूती देने में जन भागीदारी बहुत जरूरी है। इसलिए मैं आप सभी के रोल को इन रिश्तों के लिए बहुत अहम मानता हूं।
भारत और ऑस्ट्रिया के बीच समानताएं
वियना में भारतीय समुदाय के लोगों से पीएम मोदी ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से भारत और ऑस्ट्रिया दो अलग-अलग छोर पर हैं, लेकिन हम दोनों के बीच अनेक समानताएं हैं। लोकतंत्र हम दोनों देशों को जोड़ता है। स्वतंत्रता, समानता, बहुलवाद और कानून शासन का आदर हमारी साझा मूल्य हैं। हम दोनों समाज बहु संवर्धित और बहुभाषी हैं। उन्होंने कहा कि ऑस्ट्रिया में कुछ महीनों के बाद चुनाव होने वाला है। जबकि भारत में हमने अभी-अभी लोकतंत्र का पर्व आन-बान-शान के साथ मनाया है। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव संपन्न हुआ है।
दुनिया के लोग भारत के चुनाव के बारे में सुनकर हैरान होते हैं
पीएम मोदी ने कहा, आज दुनिया के लोग भारत के चुनाव के बारे में सुनकर हैरान रह जाते हैं। जो चुनाव कुछ सप्ताह पहले ही खत्म हुआ है, उसमें 650 मिलियन से ज्यादा लोगों ने वोट डाले हैं। मतलब हुआ शायद 65 ऑस्ट्रिया, और सोचिए इतना बड़ा चुनाव होता है, लेकिन कुछ ही घंटों में चुनाव के नतीजे क्लियर हो जाते हैं। ये भारत की इलेक्टोरल मशीनरी और हमारे डेमोक्रेसी की ताकत है।
दो देशों के बीच के रिश्ते सिर्फ सरकारों से नहीं बनते
उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा ये मत रहा है कि दो देशों के बीच के रिश्ते सिर्फ सरकारों से नहीं बनते। रिश्तों को मजबूती देने में जन भागीदारी बहुत जरूरी है। इसलिए मैं आप सभी के रोल को इन रिश्तों के लिए बहुत अहम मानता हूं। आपने दशकों पहले मोसार्ट और श्त्रूदल्स की धरती को अपना बना लिया। लेकिन मातृभूमि का संगीत और स्वाद आज भी आपके दिल में बसा है।
भारत के लोगों ने वियना में भारत के रंग भर दिए हैं
भारतीयों का संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आगे कहा कि आपने वियना की सड़कों में ग्राथ्स, लिंत्स, इंसब्रुक, साल्सबुग और दूसरे शहरों में भारत के रंग भर दिए हैं। आप दीवाली हो या क्रिसमस, एक जैसे उत्साह से मनाते हैं। आप तोर्ते और लड्डू, दोनों बड़े चाव से बनाते भी हैं और खाते भी हैं और खिलाते भी हैं। आप आस्ट्रिया की फुटबॉल और भारत की क्रिकेट टीम को एक ही जूनून से चीयर करते हैं। आप यहां की कॉफी को एंजॉय करते हैं, साथ ही भारत के अपने शहर वाली चाय की दुकान को भी याद करते हैं।
वियना में संस्कृत पढ़ाई जाती थी
पीएम ने कहा कि करीब 200 साल पहले वियना में संस्कृत पढ़ाई जाती थी। 1880 में इंडोलॉजी के लिए एक स्वतंत्र पीठ की स्थापना के साथ ही इसे और बढ़ावा मिला। उन्होंने कहा, ”मुझे आज कुछ प्रख्यात इंडोलॉजिस्ट से मिलने का मौका मिला, उनकी चर्चाओं से यह स्पष्ट था कि उन्हें भारत में बहुत रुचि थी। आज भारत के अलग-अलग सेक्टर में 150 से अधिक ऑस्ट्रियन कंपनियां काम कर रही हैं। कई प्रोजेक्ट में ऑस्ट्रिया की कंपनियां काम कर रही हैं। उम्मीद है कि आने वाले समय में यहां की कंपनियां भारत में अपना विस्तार करेंगी।”
वियना में भारतीयों को देश की उपलब्धियों के बारे में बताया
देश की उपलब्धियों पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत आज एजुकेशन, स्किल, रिसर्च और इनोवेशन में अभूतपूर्व स्केल पर काम कर रहा है। 10 सालों में हर दिन दो नए कॉलेज भारत में खुले हैं। हर हफ्ते एक नई यूनिवर्सिटी खुली है। पिछले साल हर दिन 250 से ज्यादा पेटेंट अनुदान किए गए हैं। भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। आज दुनिया का हर 10वां यूनिकॉर्न भारत में है। बाकी पूरी दुनिया में जितना रियल टाइम डिजिटल ट्रांजिक्शन आज होता है, उतना अकेला भारत में होता है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ऑस्ट्रिया में रह रहे भारतीयों की संख्या बहुत बड़ी नहीं है। लेकिन ऑस्ट्रिया के समाज में उनका योगदान प्रशंसनीय है। विशेष रूप से ऑस्ट्रिया के हेल्थकेयर सेक्टर में भारतीयों का रोल की बहुत प्रशंसनीय है।
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