सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जानना चाहा कि नीट-यूजी 2024 में शामिल हुए अभ्यर्थियों को दी गई ओएमआर शीट से संबंधित शिकायतों को उठाने के लिए कोई समयसीमा है या नहीं। न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा और न्यायमूर्ति एसवीएन भट्टी की अवकाशकालीन पीठ ने एक निजी कोचिंग सेंटर और कुछ नीट अभ्यर्थियों द्वारा दाखिल नई याचिकाओं पर एनटीए को नोटिस जारी किया तथा इन याचिकाओं पर सुनवाई लंबित मामलों के साथ आठ जुलाई के लिए निर्धारित कर दी।
कोचिंग संस्थान और अभ्यर्थियों की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने दलील दी कि परीक्षा में शामिल हुए कुछ अभ्यर्थियों को ओएमआर शीट नहीं मिली हैं। पीठ ने सुनवाई शुरू होते ही बसंत से पूछा कि एक निजी कोचिंग संस्थान अनुच्छेद 32 के तहत सुप्रीम कोर्ट में कैसे याचिका दाखिल कर सकता है और किस तरह से संस्थान के मौलिक अधिकार प्रभावित होते हैं।
एनटीए की ओर से पेश हुए वकील ने बताया कि ओएमआर शीट वेबसाइट पर अपलोड कर अभ्यर्थियों को दे दी गई हैं। पीठ ने उनसे पूछा कि क्या ओएमआर शीट से संबंधित शिकायत करने के लिए कोई समयसीमा है? एनटीए के वकील ने कहा कि उन्हें निर्देश लेने की जरूरत है। उन्होंने लंबित मामलों के साथ याचिका को सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।पीठ ने नोटिस जारी कर याचिकाओं को लंबित मामलों के साथ सूचीबद्ध कर दिया और एनटीए के वकील को एक तय समयसीमा के भीतर अदालत के सवालों का लिखित जवाब दाखिल करने को कहा।
प्रदर्शनकारियों ने एनटीए दफ्तर में ताला जड़ा
नई दिल्ली। एनएसयूआई ने एनटीए पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) कार्यालय पर विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में एनटीए कार्यालय पर ताला लगाने का प्रयास किया गया। एनएसयूआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष वरुण चौधरी ने कहा कि एजेंसी की बार-बार विफलता पर देश भर में छात्रों में हताशा और गुस्सा है। इस विरोध में प्रदर्शन में छात्र अपने हाथ में तख्ती लेकर नारेबाजी कर रहे थे। प्रदर्शनकारी एनटीए ऑफिस में घुस गए। वरुण चौधरी का कहना है कि एनटीए ने नीट व अन्य राष्ट्रीय परीक्षाओं की विश्वसनीयता और अखंडता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है।
पाठॺक्रम पर हाईकोर्ट ने एनटीए से जवाब मांगा
नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट ने प्रवेश परीक्षा में पाठ्यक्रम से बाहर प्रश्न आने का आरोप लगाने वाले एक नीट उम्मीदवार की याचिका पर राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) से जवाब मांगा है। याचिकाकर्ता ने दावा किया कि भौतिकी अनुभाग में एक प्रश्न रेडियोधर्मिता पर आधारित था, जबकि रेडियोधर्मिता विषय इस वर्ष के एनईईटी-यूजी के पाठ्यक्रम का हिस्सा नहीं था।