ओडिसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मंदिर के गर्भगृह में आज वापसी हो रही है। यह कार्यक्रम विश्व प्रसिद्ध रथ यात्रा का अंतिम अनुष्ठान है। इन देवताओं ने 12 दिन मंदिर के बाहर व्यतीत किए। इनमें पांच दिन रथों में और सात दिन गुंडिचा मंदिर में बिताए हैं। देवताओं को ‘गोटी पहांडी’ में मंदिर के अंदर ले जाया जाएगा। गोटी पहांडी’ का अर्थ है कि एक समय में एक ही देवता को अंदर ले जाया जाता है।