विपक्ष द्वारा कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का माइक बंद करने का आरोप लगाए जाने के बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने सोमवार को कहा कि पीठासीन अधिकारियों के पास माइक्रोफोन बंद करने के लिए कोई स्विच या रिमोट कंट्रोल नहीं है।
विपक्षी सांसदों को ओम बिरला का करारा जवाब
विपक्षी सांसदों के आरोपों को नकारते हुए ओम बिरला ने स्पष्ट रूप से कहा कि सदन में मुद्दे उठाने वाले सदस्यों के माइक्रोफोन बंद करने के लिए पीठासीन अधिकारियों के पास कोई स्विच या रिमोट कंट्रोल नहीं है। बिरला ने सदस्यों द्वारा यह आरोप लगाने पर कड़ी आपत्ति जताई कि जब वे सदन में बोलने के लिए खड़े होते हैं तो पीठासीन अधिकारी उनके माइक्रोफोन बंद कर देते हैं।
बिरला ने कहा कि स्पीकर द्वारा माइक्रोफोन बंद करने का आरोप अत्यंत चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि वे चाहते हैं कि सदन इस मुद्दे पर विचार-विमर्श करे। उन्होंने कहा, “स्पीकर केवल निर्णय/निर्देश देते हैं। जिस सांसद का नाम पुकारा जाता है, उसे सदन में बोलने का मौका मिलता है। माइक को स्पीकर के निर्देशानुसार नियंत्रित किया जाता है। लेकिन स्पीकर के पास माइक्रोफोन के लिए रिमोट कंट्रोल या स्विच नहीं होता।”
आपके के. सुरेश भी उसी पद पर हैं: बिरला
बिरला ने यह भी कहा कि स्पीकर के पैनल में सभी राजनीतिक दलों के सांसदों का प्रतिनिधित्व होता है, जो स्पीकर की अनुपस्थिति में कार्यवाही की अध्यक्षता करते हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता को संबोधित करते हुए बिरला ने कहा, “यह एक तरह से स्पीकर की गरिमा का मामला है। कम से कम जो लोग स्पीकर के पद पर बैठे हैं, उन्हें ऐसी आपत्ति नहीं उठानी चाहिए। के. सुरेश भी उसी पद पर हैं। क्या स्पीकर के पास माइक का नियंत्रण है?”
पिछले सप्ताह विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दावा किया था कि जब उन्होंने नीट अनियमितताओं का मुद्दा उठाने की कोशिश की, तो उनका माइक्रोफोन बंद कर दिया गया। बिरला ने शुक्रवार को कहा, “मेरे पास माइक्रोफोन बंद करने के लिए कोई बटन नहीं है। पहले भी ऐसी ही व्यवस्था थी। माइक्रोफोन बंद करने की कोई व्यवस्था नहीं है।”