जम्मू-कश्मीर में बालटाल और पहलगाम मार्गों पर कड़ी सुरक्षा के बीच वार्षिक अमरनाथ यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से जारी है। आज (सोमवार) सुबह कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच तीर्थयात्रियों का एक और जत्था अमरनाथ यात्रा के लिए रवाना हुआ। उत्साही तीर्थयात्री कड़ी सुरक्षा के बीच पंथचौक श्रीनगर बेस कैंप से बालटाल और पहलगाम यात्रा बेस कैंप की ओर पवित्र तीर्थस्थल के लिए रवाना हुए।
भगवान शिव के भक्त पवित्र गुफा की कठिन वार्षिक तीर्थयात्रा करते हैं, जो कश्मीर हिमालय में स्थित है। पूरी धरती पर केवल यहीं भगवान शंकर हिमलिंग के रूप में दर्शन देते हैं। भगवान शिव और माता पार्वती से जुड़ा ये धाम शिव और शक्ति दोनों का प्रतीक है। तमाम कठिनाइयों, बाधाओं और खतरों के बावजूद यहां हर साल भक्तों का तांता लगता है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड अमरनाथ यात्रा का आयोजन करता है। जिसे दो मार्गों में विभाजित किया जाता है-एक जो पहलगाम हंदवाड़ा में आग लगने से कई इमारतें जलकर खाक से होकर जाता है और दूसरा जो बालटाल से होकर जाता है। बालटाल जम्मू- कश्मीर के गंदेरबल जिले में तीर्थयात्रियों के लिए शिविर स्थल के रूप में कार्य करता है।
आतंकवादी हमले और उसके बाद जारी अभियान के बाद पूरे यात्रा मार्ग पर इलेक्ट्रॉनिक निगरानी और प्रवेश नियंत्रण सहित अभूतपूर्व सुरक्षा उपाय किए गए हैं। इसके अलावा, पवित्र अमरनाथ यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों और यात्रियों की सुरक्षित और कुशल आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए, जम्मू और कश्मीर यातायात पुलिस ने 6 जुलाई को राष्ट्रीय राजमार्ग 44 पर एक एडवाइजरी जारी की, जिसमें विभिन्न काफिलों और गैर-काफिले की आवाजाही के लिए कट-ऑफ टाइमिंग और स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। 52 दिनों तक चलने वाली अमरनाथ यात्रा इस साल, यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी जो 19 अगस्त को समाप्त होगी।