कमलनाथ के घर हटा श्रीराम का झंडा, MP में कांग्रेस ने बनाई दूरी…क्या हैं संकेत
कमलनाथ के कांग्रेस के इस्तीफे के बाद देश में जारी सियासी हलचल के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली वाले घर से श्रीराम का झंडा हटा लिया है।
कमलनाथ के कांग्रेस के इस्तीफे के बाद देश में जारी सियासी हलचल के बीच मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने अपने दिल्ली वाले घर से श्रीराम का झंडा हटा लिया है. जबकि कल यानी 18 फरवरी तक ये झंडा उनके घर पर लगा था, जो उनके बीजेपी में जाने के संकेत दे रहा था. लेकिन अब चूंकि उनका इरादा बदल गया तो उन्होंने झंडे को हटा लिया है. वहीं, मध्य प्रदेश कांग्रेस ने कमलनाथ से दूरी बना ली है. यहां कांग्रेस के प्रदर्शन से कमलनाथ का फोटो गायब है. क्योंकि कमलनाथ के भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की अटकलें जोर पकड़ रही थीं तो कांग्रेस ने अपने बैनर से उनके फोटो को हटा दिया था।
कांग्रेस के पोस्टर से गायब कमलनाथ की तस्वीर
दरअसल, कांग्रेस ने भोपाल में आयकर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान सभी कांग्रेसियों के हाथ में पोस्टर और बैनर थे. इन पोस्टरों में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, उमंग सिंघार और हेमन्त कटारे की तस्वीरें तो थी, लेकिन कमलनाथ की फोटो गायब थी. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से बातचीत करने के बाद कमलनाथ ने बीजेपी में जाने का अपना फैसला बदल दिया है. लेकिन उनके बेटे सांसद नकुलनाथ कुछ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं. नकुलनाथ मध्य प्रदेश की छिंदवाड़ा लोकसभा सीट से सांसद हैं, जबकि 9 बार के सांसद कमलनाथ छिंदवाड़ा से विधायक हैं।
क्या है पूरा मामला
सूत्रों के अनुसार मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुए विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी कमलनाथ से नाराज चल रहे थे. चर्चा तो यहां तक है कि चुनाव के बाद से दोनों नेताओं के बीच संवाद भी बहुत कम हो रहा था. वहीं, कमलनाथ प्रदेश के राजनीति से निकलकर दिल्ली की राजनीति में शामिल होना चाह रहे थे और इसके लिए राज्यसभा टिकट के इच्छुक थे. हालांकि इससे पहले कमलनाथ के कद को देखते हुए कांग्रेस ने पार्टी अध्यक्ष के लिए भी उनका नाम आगे किया था. लेकिन उस समय उनको लग रहा थआ कि वह अपने बल पर प्रदेश में सरकार बना लेंगे, जिसके चलते उन्होंने अध्यक्ष पद से अपने कदम पीछे खींच लिए थे और पार्टी ने उनकी जगह मल्लिकार्जुन खड़गे को अध्यक्ष बना दिया था. अब जबकि कांग्रेस मध्य प्रदेश में चुनाव हर गई है और कमलनाथ कांग्रेस अध्यक्ष भी नहीं पाए हैं तो वह राज्यसभा के जरिए दिल्ली की राजनीति में सक्रिय होना चाहते थे. इस क्रम में राज्यसभा का टिकट न मिलने पर वह कांग्रेस आलाकमान से नाराज बताए जा रहे थे।
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