कलकत्ता उच्च न्यायालय ने अस्थाई आदेश जारी करके पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं पर राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस के विरूद्ध सोशल मीडिया मंचों पर किसी भी तरह के अपमानजनक और गलत बयान देने पर रोक लगा दी है। उच्च न्यायालय में न्यायमूर्ति कृष्णा राव की खंडपीठ ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल की ओर से दायर मानहानि के मामले पर अपने अंतरिम आदेश में ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस के अन्य नेताओं को 14 अगस्त तक सोशल मीडिया पर किसी भी तरह के ऐसे बयान देने से रोक दिया है जिससे राज्यपाल की मानहानि होती हो।
उच्च न्यायालय ने जोर देकर कहा है कि राज्यपाल बोस संवैधानिक पद पर हैं और उन पर निजी हमले नहीं किए जा सकते। न्यायालय ने कहा है कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार ऐसा अधिकार नहीं है जिसकी आड में मानहानि पूर्ण बयानों के जरिए किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा को धूमिल किया जाए।