इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे शनिवार को पटना में थे. उनके आने से पहले ये ऐलान किया जा रहा था कि खरगे के साथ बिहार में इंडिया गठबंधन की सभी पार्टियों के प्रमुख साझा प्रेस कांफ्रेंस करेंगे. लेकिन राजद ने एक बार फिर कांग्रेस की हैसियत बता दी.
लालू ने ठेंगा दिखाया
मल्लिकार्जुन खरगे की साझा प्रेस कांफ्रेंस को लेकर दो दिन पहले से ही निमंत्रण पत्र भेजे जा रहे थे. उसमें कहा गया था कि इस प्रेस कांफ्रेंस में खरगे के साथ राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव, माले के दीपंकर भट्टाचार्य, सीपीआई और सीपीएम के नेता मौजूद रहेंगे. कांग्रेस के नेताओं ने बताया कि लालू यादव से सहमति मिलने के बाद ही साझा प्रेस कांफ्रेंस में उनके मौजूद रहने की जानकारी दी गयी थी.
लेकिन खरगे के साथ प्रेस से बात करने लालू यादव पहुंचे ही नहीं. उनके पुत्र तेजस्वी यादव भी नहीं पहुंचे. राजद का कोई राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी प्रेस कांफ्रेंस में शामिल नहीं हुआ. कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के साथ प्रेस कांफ्रेंस में बैठने के लिए राजद ने अपने प्रवक्ता मनोज झा को भेज दिया.
मनोज झा खरगे को बोलने नहीं दिया
प्रेस कांफ्रेंस के दौरान पत्रकारों ने मल्लिकार्जुन खरगे से सवाल पूछा कि मुसलमानों को धार्मिक आधार पर आरक्षण को लेकर कांग्रेस की क्या राय है. खरगे ने जवाब देना शुरू ही किया था कि राजद के प्रवक्ता मनोज झा ने उन्हें चुप करा दिया और खुद बोलना शुरू कर दिया. पत्रकारों ने आपत्ति जतायी कि जब सवाल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष से पूछा गया है तो मनोज झा क्यों बीच में कूद रहे हैं. इसके बावजूद मनोज झा ने खरगे को बोलने नहीं दिया. वे खुद को मल्लिकार्जुन खरगे का शागिर्द बताने लगे. खरगे चुपचाप तमाशा देखते रहे.
इस वाकये के दौरान लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार, कांग्रेस के बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह जैसे नेता मौजूद थे. वे सब चुप रहे. बाद में मल्लिकार्जुन खरगे ने ये कह कर इज्जत बचाने की कोशिश की कि मनोज झा भी गठबंधन के नेता हैं और गठबंधन की नीतियां एक हैं.