लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्यों के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्षों पर गाज गिरने वाली है। इस साल होने वाले चार राज्यों में विधानसभा चुनाव को देखते हुए कांग्रेस में बड़े बदलाव की तैयारी शुरू हो गई है। राज्यों के प्रभारी, प्रदेश अध्यक्षों से लेकर जिला स्तर पर कमेटियों में बदला हो सकता है।
दरअसल, हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस संगठन को मजबूत करने के लिए प्रदेश अध्यक्षों के साथ साथ कार्यकारिणी और जिला स्तर पर संगठन में बदलाव की तैयारी शुरू कर दी गई है। लोकसभा चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन करने वाले राज्यों में इसके कारणों की समीक्षा करने के लिए समितियों का भी गठन किया गया है।
इन समितियों की रिपोर्ट के आधार पर राज्य से लेकर जिलास्तर तक संगठन में बदलाव किए जा सकते हैं। पार्टी सभी की जिम्मेवारी तय करते हुए बदलाव कर सकती है। ऐसे में करीब आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों और कई प्रभारियों पर गाज गिरना तय माना जा रहा है। जिन राज्यों ने लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन किया है, वहां फिलहाल प्रदेश अध्यक्ष अपने पदों पर बने रहेंगे।
छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, समेत कई अन्य राज्यों के प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसके साथ ही साथ कई राज्यों की कार्रकारिणी और जिला स्तरिय कमेटी में बदलाव संभव है। जिन प्रभारियों के पास दो-दो राज्यों की जिम्मेवारी है, उन्हे एक राज्य की जिम्मेवारी से मुक्त किया जा सकता है। इस साल होने वाले चार राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरते अपनी टीम में बदलाव करते हुए राज्यों की जिम्मेवारी दूसरे नेताओं को सौंप सकते हैं।